समझ में नहीं, दिल में आने वाले सलमान खान को ये 5 चीजें बनाती हैं 'मास का असली किंग'
AajTak
आप या तो सलमान खान फैन होते हैं, या नहीं होते हैं. उसमें भी सबसे मजेदार बात ये है कि सलमान फैन ना होने के आपके पास तमाम कारण हो सकते हैं. लेकिन अगर आप सलमान फैन हैं, तो इसकी एक सही-सही वजह बता पाना अक्सर बड़ा मुश्किल होता है.
'क्या आप सलमान खान फैन हैं?' अगर सच्चा बॉलीवुड लवर कहलाने की कोई परीक्षा है, तो ये सवाल प्रश्नपत्र में अनिवार्य होना चाहिए. ऐसा सवाल जो एक पल में बता देता है कि आप इंडियन फिल्म ऑडियंस को कितना जानते-समझते हैं. पिछले कुछ वक्त में तो इस सवाल का जवाब देने में एक नया जोखिम ये पैदा हो गया है कि आप तुरंत जज किए जाने लगते हैं.
हो सकता है कि आपका जवाब सुनकर सामने वाला आपकी समझ-बूझ या बुद्धिजीविता को सवालिया नजर से देखने लगे. हो ये भी सकता है कि वो खुद चार लोगों के सामने खुद को सलमान फैन मानने से बचता हो, मगर व्यक्तिगत बातचीत में सहज होकर मान ले. अगर आप भी इस सवाल का जवाब देने में उलझ जाते हैं, तो कोई टेंशन की बात नहीं है. ये दिक्कत आपकी नहीं खुद सलमान 'भाई' की है... क्योंकि वो दिल में तो आते हैं लेकिन समझ में नहीं!
आप या तो सलमान खान फैन होते हैं, या नहीं होते हैं. उसमें भी सबसे मजेदार बात ये है कि सलमान फैन ना होने के आपके पास तमाम कारण हो सकते हैं. लेकिन अगर आप सलमान फैन हैं, तो इसकी एक सही-सही वजह बता पाना अक्सर बड़ा मुश्किल होता है. इसलिए सिनेमा में 'क्लास' खोजने वाली नजरों को सलमान के फैनडम में एक अराजकता नजर आ सकती है. लेकिन ऐसा होता नहीं है, हर अराजकता में अपनी एक व्यवस्था होती है. और ये बात सलमान की फैन फॉलोइंग पर भी लागू होती है.
क्लासिक सिनेमा के व्याकरण में जो भी फिल्म या फिल्म स्टार फिट नहीं बैठता, मगर जनता की भीड़ उसे शब्दशः समझ लेती है, उसे 'मास' कहा जाता है. बॉलीवुड इंडस्ट्री में शायद ही सलमान से बड़ा 'मास' हीरो कोई और है. और सलमान की इस 'मास' अपील में भी एक व्यवस्था है. कैसे? आइए बताते हैं...
दबंगई सिनेमा की डिक्शनरी में दो शब्दों को लेकर खूब बहस होती है एक्टर और स्टार. जो एक्टिंग जानता है वो एक्टर, लेकिन स्टार वो है जिसके लिए भीड़ जुटती हो. जिसके हर किरदार में उसकी अपनी एक झलक जरूर बरकरार रहती है. और इस लिहाज से सलमान सुपरस्टार हैं. लीड हीरो के तौर पर अपनी पहली फिल्म 'मैंने प्यार किया' से ही सलमान किसी किरदार के जैसे कम, खुद रियल सलमान जैसे ज्यादा लगते हैं. उनका अपना एक एटीट्यूड है, उन्हें कोई बुली नहीं कर सकता, कोई रास्ते में नहीं आ सकता. जो सोच लिया वो करना है, फायदा-नुक्सान गया मिट्टी में.
रियलिटी में उनका ये रवैया, डायरेक्टर्स-एक्टर्स और इंडस्ट्री के साथियों के साथ उनके पंगों में नजर आता है. ये रवैया तब भी नजर आता है जब सलमान, एक हत्याकांड के लिए चर्चा में बने हुए एक गैंगस्टर की धमकियों के बावजूद, अपने दोस्त अजय देवगन की फिल्म के लिए शूट करने चल देते हैं. शूट कैसा हुआ है वो बात अलग है, लेकिन सलमान ने पूरा जरूर किया क्योंकि कमिटमेंट किया था और उन्होंने 'एक बार जो कमिटमेंट कर दिया...' आगे आप जानते ही हैं!
सोशल-पॉलिटिकल पंगों से कुदरत के करिश्मों तक... बॉलीवुड की कहानियों में कैसे किरदार बन रहा नॉर्थ-ईस्ट
ऐसा नहीं है कि पहले नागालैंड, मेघालय या अरुणाचल प्रदेश को कहानी में जगह नहीं मिली, या वहां फिल्में शूट नहीं हुईं. देव आनंद की फिल्म 'ज्वेल थीफ' (1967) तो सिक्किम में तब शूट हुई थी, जब वो भारत का हिस्सा भी नहीं था. मगर अब नॉर्थ ईस्ट सिर्फ एक लोकेशन भर नहीं है, कहानी का प्लॉट भी है.