'बेबी जॉन' में एजेंट भाईजान बनकर आए सलमान, मगर झूठी निकली वरुण धवन की बात
AajTak
ट्रेलर और प्रोमोज के साथ, प्रमोशंस में मेकर्स ने जनता से प्रॉमिस किया था कि ये 'बेबी जॉन' धमाकेदार मास एंटरटेनर होगी. वादा ये भी था कि सलमान का फिल्म में एक ऐसा कैमियो करने जा रहे हैं, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे. क्या मेकर्स अपने इस वादे पर खरे उतरे हैं?
सुपरस्टार सलमान खान एक बार फिर से बड़े पर्दे पर आ चुके हैं. हालांकि एक बार फिर वो सिर्फ एक कैमियो अपीयरेंस में ही हैं. वरुण धवन की फिल्म 'बेबी जॉन' थिएटर्स में रिलीज हो चुकी है. ट्रेलर और प्रोमोज के साथ, प्रमोशंस में मेकर्स ने जनता से प्रॉमिस किया था कि ये फिल्म धमाकेदार मास एंटरटेनर होगी. और वादा ये भी था कि सलमान का फिल्म में एक ऐसा कैमियो करने जा रहे हैं, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे. क्या मेकर्स अपने इस वादे पर खरे उतरे हैं? आइए बताते हैं.
क्या है सलमान का रोल? 'बेबी जॉन' की शुरुआत ही सलमान के किरदार के लिए बिल्ड अप से होती है. एक पुलिस ऑफिसर ह्युमन ट्रैफिकिंग रिंग का भंडाफोड़ करने में कामयाब होता है, मगर वो उल्टा फंस जाता है क्योंकि अपराधियों ने उसी की बेटी को किडनैप कर लिया है. अब वो ऑफिसर से ये राज उगलवाना चाहते हैं कि आखिर किसके सपोर्ट से वो उनतक पहुंचने में कामयाब रहा है? इस सवाल के जरिए फिल्म सलमान के किरदार का बैकग्राउंड तैयार करती है.
ये किरदार फिल्म के अंत में सामने आता है, जब वो बेबी जॉन यानी वरुण धवन के साथ मिलकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के सरगनाओं तक पहुंचता है. फिल्म में टाइटल कार्ड के जरिए सलमान के किरदार का नाम 'एजेंट भाईजान' बताया गया है.
कितना दमदार है सलमान का कैमियो? सलमान ने अपने करियर में कई यादगार कैमियो किए हैं लेकिन शाहरुख खान की 'पठान' में उनका स्पेशल अपीयरेंस, उनका बेस्ट कैमियो कहा जा सकता है. फिल्म में सलमान, अपने आइकॉनिक किरदार टाइगर के रोल में थे. एक चलती ट्रेन में शाहरुख तमाम खूंखार गुंडों में फंसे हुए हैं और तब सलमान की एंट्री होती है. इससे पहले टाइगर का किरदार दो पूरी फिल्मों के जारी जनता के दिमाग में घुस चुका था और सबके दिमाग में सलमान की बेखौफ एजेंट वाली इमेज पक्की हो चुकी थी. टाइगर से पहले उसका आइकॉनिक स्कार्फ माहौल बनाता है और थिएटर्स में ये स्कार्फ दिखते ही जमकर शोर मचने लगा था, ये किरदार की बैक स्टोरी का कमाल था.
'बेबी जॉन' में सलमान के कैमियो के साथ दिक्कत ये है कि इसे मेन कहानी से अलग कर दिया गया है. फिल्म के पहले सीन में सलमान के किरदार का जिक्र तो होता है मगर कहानी फिर ह्यूमन ट्रैफिकिंग रिंग को भूल ही जाती है. वरुण के किरदार की कहानी इस रिंग के एक मेंबर से संयोग से जुड़ती है और वो बस अपना बदला लेने पर फोकस करता है. 'बेबी जॉन' में वरुण का पुलिस ऑफिसर किरदार कहीं भी इस नेक्सस की जांच नहीं कर रहा. कहानी का ये सबप्लॉट ऐसे ही छोड़ दिया जाता है. ना ही कहीं दोबारा कहीं किसी रहस्यमयी किरदार का जिक्र आता है, जो इस रिंग को रोकने के लिए काम कर रहा है.
मौका आया मगर मिस कर गए मेकर्स
हाल ही में मशहूर कवि कुमार विश्वास ने इशारों-इशारों में सोनाक्षी सिन्हा के रामायण से जु़ड़े सवाल का जवाब न दे पाने वाले पुराने विवाद पर कमेंट किया. इतना ही नहीं एक्ट्रेस की जहीर इकबाल संग इंटरफेथ मैरिज पर भी टिप्पणी कर दी. सोशल मीडिया पर अपने बयान की आलोचना होने के बाद कुमार विश्वास ने सफाई दी है. जानते हैं उन्होंने क्या कहा है.