'जब तक है जान' में अनुष्का ने शादी पर बोला ऐसा डायलॉग, सालों बाद भड़के जावेद अख्तर
AajTak
बॉलीवुड के आइकॉनिक राइटर-गीतकार जावेद अख्तर ने अब 'जब तक है जान' फिल्म की कड़ी आलोचना की है. फिल्म में अनुष्का शर्मा के एक डायलॉग का जिक्र करते हुए जावेद साहब ने कहा कि मेकर्स को आईडिया ही नहीं था कि एक सशक्त महिला क्या होती है, इसलिए वो 'फेक एम्पावरमेंट' दिखा रहे थे.
सुपरस्टार शाहरुख खान की फिल्म 'जब तक है जान', 2012 कीसबसे कमाऊ फिल्मों में से एक थी. हिंदी फिल्मों को यादगार लव स्टोरीज देने वाले डायरेक्टर यश चोपड़ा की इस फिल्म में शाहरुख के साथ अनुष्का शर्मा और कटरीना कैफ भी थीं.
बॉलीवुड के आइकॉनिक राइटर-गीतकार जावेद अख्तर ने अब इस फिल्म की कड़ी आलोचना की है. फिल्म में अनुष्का शर्मा के एक डायलॉग का जिक्र करते हुए जावेद साहब ने कहा कि मेकर्स को आईडिया ही नहीं था कि एक सशक्त महिला क्या होती है, इसलिए वो 'फेक एम्पावरमेंट' दिखा रहे थे.
'जब तक है जान' के इस डायलॉग पर भड़के जावेद अख्तर यूट्यूब चैट शो 'बी अ मैन यार!' में बात करते हुए जावेद साहब ने एक डायलॉग का जिक्र किया, जो 'जब तक है जान' में अनुष्का के किरदार ने बोला था. उन्होंने कहा, 'एक पिक्चर थी यश चोपड़ा साहब की. उसमें हीरोईन्स में से एक का डायलॉग था- 'मैं दुनिया में जितनी नेशनैलिटीज हैं, हर नेशनैलिटी के एक लड़के के साथ सोने के बाद शादी करूंगी!' अरे भाई तू इतनी मेहनत क्यों करेगी? तू एम्पावर्ड (सशक्त) है? तू मॉडर्न है? तू कूल है? तू फॉरवर्ड थिंकिंग है? मान जाते हैं न... इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं है तुमको! बहुत नेशनैलिटीज हैं दुनिया में, उस चक्कर में मत पड़ो.'
फिल्ममेकर्स को नहीं है 'मॉडर्न इंडियन वुमन' का आईडिया जावेद अख्तर ने आगे कहा, 'अब ये क्या है? इस डायलॉग का क्या मतलब है? कहां आ रही हैं ये यश चोपड़ा की फिल्म में? क्योंकि उन्हें ये फेक करना था कि ये एक एम्पावर्ड लड़की है! उन्हें बहुत क्लियर नहीं है कि एक एम्पावर्ड लड़की होती क्या है इसलिए वो बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं.' जावेद अख्तर ने कहा कि आज के फिल्ममेकर्स अभी भी कन्फ्यूज हैं कि मॉडर्न इंडियन महिला का आईडिया है क्या.
बता दें, यश चोपड़ा ने 'सिलसिला', 'चांदनी' और 'वीर जारा' जैसी आइकॉनिक लव स्टोरीज बनाई हैं. 2012 में रिलीज हुई 'जब तक है जान' उनकी आखिरी फिल्म थी. इस फिल्म के लिए अनुष्का शर्मा को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था.
जावेद अख्तर ने 'जंजीर', 'दीवार' और 'शोले' जैसी कई आइकॉनिक फिल्मों के राइटर हैं. बतौर लिरिसिस्ट उन्होंने आखिरी बार फिल्म 'खो गए हम कहां' (2023) के लिए गाने लिखे हैं.