क्या है ये मेट गाला? जहां लाखों रुपये का टिकट खरीदकर, अतरंगी कपड़े पहने परेड करते हैं स्टार्स
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क्या आपने भी कभी सोचा है कि न्यू यॉर्क के मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट की सीढ़ियों पर बिछे रेड कार्पेट पर पोज करने के अलावा इस मेट गाला इवेंट का सिर-पैर क्या है? इस इवेंट को लेकर देसी जनता में एक जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है कि आखिर ये माजरा है क्या? तो चलिए बताते हैं...
मंगलवार को सुबह खबरें देखने वालों का पाला मेट गाला 2024 (Met Gala) से सामने आई, आलिया भट्ट की खूबसूरत तस्वीरों से पड़ ही चुका होगा. जहां आलिया की शानदार हैंड-क्राफ्टेड फ्लोरल साड़ी का जलवा लोगों की नजरों पर जादू कर रहा है. वहीं फैशन की दुनिया के इस इवेंट से और भी सेलेब्स के शानदार, खूबसूरत और कुछ विचित्र आउटफिट आपको दिख जाएंगे.
इस साल ही नहीं, मेट गाला से सेलेब्स की रेड कार्पेट ड्रेसेज सोशल मीडिया पर चर्चा का हॉट टॉपिक बन जाती हैं. लेकिन क्या आपने भी कभी सोचा है कि न्यू यॉर्क के मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट की सीढ़ियों पर बिछे रेड कार्पेट पर पोज करने के अलावा इस मेट गाला इवेंट का सिर-पैर क्या है? इस इवेंट को लेकर देसी जनता में एक जिज्ञासा हमेशा बनी रहती है कि आखिर ये माजरा है क्या? तो चलिए बताते हैं...
एक म्यूजियम में कैसे घुस गया फैशन? न्यू यॉर्क का मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट, जिसे शॉर्ट में 'मेट' (Met) भी कहा जाता है, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा म्यूजियम है. इस म्यूजियम का एक कॉस्टयूम इंस्टिट्यूट है, जो 1946 से पहले तक एक अलग इंस्टिट्यूट था और इसका नाम 'म्यूजियम ऑफ कॉस्टयूम' आर्ट था. कॉस्टयूम इंस्टिट्यूट जब मेट में मिला तभी तय हो गया था कि उसकी फंडिंग का इंतजाम वो खुद करेगा.
माना जाता है कि इसके पीछे एक तगड़ा सवाल है- 'फैशन को आर्ट फॉर्म माना जाए या नहीं?' मगर इस सवाल का दूसरा हिस्सा ये है कि हर दौर का फैशन या कॉस्टयूम अपने दौर की लिटरेचर, सोसाइटी और कभी-कभी पॉलिटिक्स का भी एक रिफ्लेक्शन होता है. और इतिहासकार भी ये मानते ही हैं कि फैशन भी इंसानी सभ्यता के विकास को समझने की बहुत बड़ी कड़ी है. जैसे- 1976 के 'द ग्लोरी ऑफ रशियन कॉस्टयूम' थीम वाले मेट गाला में 'पीटर द ग्रेट' के बूट्स और 'कैथरीन द ग्रेट' की सिल्वर वेडिंग ड्रेस प्रदर्शनी का हिस्सा थे. ये दोनों चीजें फैशन ही नहीं, इतिहास का भी गहरा हिस्सा हैं. कई क्लासिक फिल्मों के आइकॉननिक आउटफिट्स भी इसका हिस्सा होते हैं, जो डिजाईन के प्रोसेस और उसकी कला को समझने में काम आते हैं.
मगर इस संस्था का महत्त्व समझना हो तो यूं समझा जा सकता है कि यहां पिछले 600 साल के 35 हजार से ज्यादा फैशन पीस संरक्षित करके आर्काइव किए गए हैं. मेट गाला 2024 में ही कॉस्टयूम इंस्टिट्यूट के संरक्षित और संभाले हुए 50 से ज्यादा एंटिक डिजाईन डिस्प्ले पर हैं. साथ ही 250 से ज्यादा आउटफिट्स डिस्प्ले किए गए हैं, जिनमें से कईयों को साउंड स्केपिंग और डिजिटल एनीमेशन के जरिए रीक्रिएट किया गया है.
ये कॉस्टयूम इंस्टिट्यूट अपने रूटीन फंक्शनिंग, स्टाफ की सैलरी और शानदार प्रदर्शनियों का सारा खर्च खुद निकालता है, जिसके लिए ये शानदार चैरिटी इवेंट होता है, जिसे हम 'मेट गाला' के नाम से जानते हैं. ये इवेंट और भी ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है क्योंकि मेट का कॉस्टयूम इंस्टिट्यूट अपना खर्च खुद संभालने वाला डिपार्टमेंट तो है ही, ऊपर से अक्सर ये अपने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मेन म्यूजियम को भी देता है.
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