IC 814 का सच, पूर्व रॉ चीफ ने बताया कंधार में क्या हुआ था, क्यों छोड़े गए थे आतंकी...
AajTak
दिसंबर 1999 में हुए कंधार हाईजैक के समय भारत की तरफ से आतंकियों से नेगोशिएशन गई टीम को अजित डोवाल लीड कर रहे थे, जो अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व चीफ ए. एस. दुलत ने बताया है कि कंधार में जिस तरह नेगोशिएशन किया गया, डोवाल उससे खुश नहीं थे.
अनुभव सिन्हा की नेटफ्लिक्स सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' पर हाल ही में काफी विवाद हुआ. जनता ने आरोप लगाया कि शो में रियल इवेंट्स को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है और घटना की गंभीरता को स्क्रीन पर हल्के में उतारा गया है.
मामला गंभीर हुआ तो सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड से मीटिंग की, जिसके बाद शो के डिस्क्लेमर को बदला गया. इस बदलाव के बाद नेटफ्लिक्स पर 'IC 814' स्ट्रीम तो हो ही रही है और लोगों में अब उस रियल घटना के बारे में जानने की दिलचस्पी भी बढ़ गई है, जिसपर ये शो बेस्ड है.
दिसंबर 1999 में हुए कंधार हाईजैक के समय भारत की तरफ से आतंकियों से नेगोशिएशन गई टीम को अजित डोवाल लीड कर रहे थे, जो अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व चीफ ए. एस. दुलत ने बताया है कि कंधार में जिस तरह नेगोशिएशन किया गया, डोवाल उससे खुश नहीं थे. 'IC 814' शो में मनोज पाहवा का किरदार उन्हीं पर बेस्ड है. दुलत ने बताया कि जिस तरह चीजें हुईं उससे डोवाल को पछतावा था, लेकिन पूरे क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने ये सच्चाई स्वीकार कर ली थी कि उन्हें हाईजैकर्स की कुछ मांगें माननी ही पड़ेंगी.
मसूद अजहर को छोड़ने पर डोवाल को था पछतावा जर्नलिस्ट बरखा दत्त के साथ इंटरव्यू में दुलत ने, कंधार नेगोशिएशन से लौटे ग्रुप के साथ अपनी मुलाकात याद करते हुए बताया, 'उन्हें (डोवाल को) इसका पछतावा था, क्योंकि वो अडवाणी (बीजेपी लीडर लाल कृष्ण अडवाणी) के शिष्य थे. उनकी सोच एक जैसी थी. जो अडवाणी जी को लगा, अजित को भी लगा होगा...'
जब दुलत से पूछा गया कि क्या तब गृहमंत्री रहे अडवाणी, खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ने के खिलाफ थे? तो उन्होंने कहा, 'हां, लेकिन लेकिन तब आप बुरी तरह फंसे होते हैं. आप क्या करेंगे? आपको एक ड्यूटी निभानी है, और आप निभाते हैं. अजित कोई भी काम करते, वो एक सच्चे प्रोफेशनल हैं. दिमागी रूप से उन्हें लगा होगा- 'ये क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है?''
कंधार से डोवाल के अपडेट याद करते हुए दुलत ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण कॉल, हाईजैकिंग के 6 दिन बाद 30 दिसंबर को आया. दुलत ने कहा, 'ये लोग (नेगोशिएशन टीम) कंधार में काफी बुरी तरह फंसे हुए थे, मुझे उनसे सहानुभूति हो रही थी. ये हमारे 4 बेस्ट आदमी थे- अजित, नेहचाल संधू आईबी से, और रॉ से सीडी सहाय और आनंद अरनी थे... मैं समझ पा रहा था कि ये काम आसान नहीं होने वाला. ये मुश्किल था, क्योंकि तालिबान के साथ हमारे कोई संबंध नहीं थे और पाकिस्तान से हमारे रिश्ते शायद अपने सबसे खराब दौर में थे.'
करण इन दिनों अपने ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर खूब चर्चा में हैं. उनका एक रैम्प वॉक वीडियो भी वायरल हुआ था, जहां वो हद से ज्यादा फिट नजर आए थे. करण 52 साल के हो चुके हैं ऐसे में उनका ये जबरदस्त ट्रांसफॉर्मेशन यूजर्स के लिए शॉकिंग रहा. लोगों का मानना है कि करण ने कॉस्मेटिक सर्जरी की मदद से अपना हुलिया बदला है.