भारत-पाक एक दूसरे को क्यों बताते हैं अपने परमाणु हथियारों का ठिकाना? 34 साल पुरानी परंपरा का जानें इतिहास
Zee News
पूरी दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है जो अपने परमाणु प्रतिष्ठानों का विवरण देता हो, लेकिन भारत और पाकिस्तान पिछले 34 सालों से एक दूसरे को इसकी जानकारी देता है. ऐसा क्यों किया जाता है, चलिए आज इसके बारे में जानने के कोशिश करते हैं.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान ने परंपरा के तहत 2025 के पहले दिन अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट एक दूसरे को सौंप दी है. पिछले तीन दशक से ज्यादा वक्त से ये सिलसिला जारी है. जिसे दोनों देशों ने बरकरार रखते हुए एक द्विपक्षीय समझौते के तहत यह अहम कदम उठाया है. न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों की इस लिस्ट का आदान-प्रदान 1 जनवरी, बुधवार को किया गया है.
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