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Uttarkashi Tunnel Rescue: ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म किया गया ठीक, 11 दिन बाद आज बाहर आएंगे मजदूर?
Zee News
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 11 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने का काम गुरुवार को रुक गया था. जिस प्लेटफॉर्म पर ऑगर मशीन टिकी थी उसमें दरारें दिखने लगी थी लेकिन अब इसे ठीक कर लिया गया है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि आज सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाए.
नई दिल्लीः Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 11 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने का काम गुरुवार को रुक गया था. जिस प्लेटफॉर्म पर ऑगर मशीन टिकी थी उसमें दरारें दिखने लगी थी लेकिन अब इसे ठीक कर लिया गया है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि आज सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाए. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ देर में ड्रिलिंग शुरू की जाएगी. | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Former advisor to PMO, Bhaskar Khulbe says, "The situation is much better now. Last night, we had to work on two things. First, we had to revamp the platform of the machine... Parsons Company had done the ground penetration radar,… | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Latest visuals from outside the tunnel
Drilling work was halted yesterday after a technical snag in the Auger drilling machine. Till now, rescuers have drilled up to 46.8 meters in the Silkyara tunnel
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भारत और पाकिस्तान दोनों के पास तरह-तरह की मिसाइलें हैं. लेकिन दोनों में से किस देश के पास ज्यादा घातक मिसाइल है? वैसे तो मिसाइलों के बीच तुलना उसकी रेंज, परमाणु क्षमता, सटीकता आदि से होती है. भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं. साथ ही कई तरह की मिसाइलें हैं. ऐसे में जानिए दोनों की प्रमुख मिसाइलों के बारे मेंः
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हिंद महासागर में हथियारों की होड़ मची है. चीन और पाकिस्तान के बढ़ते गठजोड़ के चलते भारत के लिए अपनी समुद्री रक्षा क्षमताओं को उन्नत स्तर पर ले जाना काफी अहम है. नई दिल्ली इस दिशा में लगातार जुटा हुआ है. अब रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी को 2025 के आखिर तक नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा. ये समुद्री सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण कदम होगा.