क्या आप परमाणु हमला झेलने लायक हैं? जानें- अटैक हुआ तो किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
Zee News
How to survive in nuclear attack: फिलहाल नागरिक सुरक्षा के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. हमला में रेडिएशन से बचना बेहद जरूरी और इसके लिए घरों के अंदर ही रहें. हालांकि, जहां अटैक होगा, वहां कोई अंदर हो या बाहर असर तो होगा कि लेकिन खुद लंबे समय तक अंदर बंद रखकर बचाव संभव है.
Do and Dont in nuclear attack: पिछले साल के अंत में द मिरर यूएस की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (FEMA) ने विशेष रूप से यूक्रेन में चल रहे युद्ध और मध्य पूर्व में संघर्षों के कारण बढ़ते वैश्विक तनाव के बीच परमाणु हमले से बचने के लिए एक गाइड जारी की है. गाइड में इस तथ्य पर जोर दिया गया है कि परमाणु विस्फोट के बाद लोगों के पास सुरक्षा की तलाश करने के लिए केवल 15 मिनट का समय मिल सकता है.
भारत अपने डिफेंस सेक्टर को लगातार मजबूत कर रहा है. जवानों की एडवांस्ड ट्रेनिंग से लेकर हथियारों को हाईटेक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. मौजूदा समय में भारत के हाईटेक हथियारों की बात की जाए तो इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, जोरावर टैंक, Dragunov Sniper राइफल, नाग एमके-2, ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन जैसे हथियार हैं, जो दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम हैं.
भारत का पहला राज्य कौन सा है? पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक फैले भारत में 28 राज्य और 8 संघ राज्य क्षेत्र हैं, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश भी कहा जाता है. हर राज्य की अपनी भाषा, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन है. विविधता में एकता के सूत्रवाक्य के साथ भारत समृद्ध संस्कृति के इतिहास को संजोए हुए है. यहां नियमित दूरी पर बोली से लेकर वेशभूषाएं तक बदलती हैं. इतनी विविधता वाले भारत के नक्शे को देखकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल होगा कि पहला राज्य कौन सा है?
भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस सूरत और आईएनएस वाघशीर को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मुंबई के नौसेना गोदी (नेवल डॉकयार्ड) में शामिल किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार एक विध्वंसक, एक युद्ध पोत और एक पनडुब्बी एक साथ नौसेना में शामिल हुए हैं और तीनों ‘मेड इन इंडिया’ हैं.
भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों को चुन-चुनकर मारने की तैयारी कर रही है. इसके लिए भारतीय सेना आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सैनिकों को तैयार करेगी. रिपोर्ट्स की मानें तो सैनिकों की तैयारियों के लिए सेना घरेलू रक्षा उद्योग से बड़ी मात्रा में सैन्य सामग्री की खरीद करेगी. इनमें सुरक्षात्मक कवच, निगरानी प्रणाली और ड्रोन समेत अन्य चीजें शामिल हैं.