'अगर अमीर हूं तो इसके लिए माफी क्यों मांगूं', करण जौहर ने बताया मां के जेवर बेचने का किस्सा
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हाल ही में एक इंटरव्यू में करण जौहर ने इस बारे में खुलकर बात की. करण ने कहा- 'दोस्ताना' के बाद पापा की लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हुईं. उनके एक छोटा सा एक्स्पोर्ट बिजनेस था जो वो चाहते थे कि मैं संभालूं. उस दौरान पापा, फिल्में फाइनेंस कर रहे थे.
इंडियन सिनेमा में करण जौहर का प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन ने अपनी पहचान बखूबी बनाई है. इस प्रोडक्शन हाउस की नींव उनके पिता यश जौहर ने साल 1979 में रखी थी. राज खोसला की 'दोस्ताना' फिल्म को साल 1980 में इन्होंने प्रोड्यूस किया था जो कि डेब्यू फिल्म भी बनी थी. इसमें अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा लीड रोल में नजर आए थे. जीनत अमान एक्ट्रेस थीं. और ये ब्लॉकबस्टर हिट हुई थी.
करण ने कही ये बात हालांकि, कुछ समय बाद धर्मा प्रोडक्शन्स के अंतर्गत बनी फिल्में फ्लॉप भी होने लगीं. काफी भारी नुकसान इन्हें झेलना पड़ा. ऐसे में ये नौबत तक आ गई कि यश जौहर द्वारा खरीदी प्रॉपर्टीज भी बिक गईं. हाल ही में एक इंटरव्यू में करण जौहर ने इस बारे में खुलकर बात की. करण ने कहा- 'दोस्ताना' के बाद पापा की लगातार 5 फिल्में फ्लॉप हुईं. उनके एक छोटा सा एक्स्पोर्ट बिजनेस था जो वो चाहते थे कि मैं संभालूं. उस दौरान पापा, फिल्में फाइनेंस कर रहे थे.
"फाइनेंसर्स हमें पैसे देते थे और हम जब उन्हें वापस करते थे तो उसपर इंट्रस्ट देते थे. जब पहली फिल्म फेल हुई तो मेरी मम्मी हीरू जौहर ने नानी का घर बेचा. और जब दूसरी फिल्म फ्लॉप हुई तो उन्होंने अपने जेवर बेचे. दिल्ली में मेरे पिता की प्रॉपर्टी थी जो उन्हें बाद में वो भी बेचनी पड़ी. ये सभी कहानियां मैंने सुनी हैं और अपनी आंखों से ऐसा घर में होते देखा भी है. हमारे पास पैसा नहीं था. हम लोग मिडिल क्लास लोग थे. धीरे-धीरे अपर मिडिल क्लास हुए और अब जाकर अमीर हुए हैं."
"हमारी टेबल पर रोज खाना होता था. मैं अच्छे स्कूल से पढ़ा हूं. मेरे पापा अच्छी गाड़ी चलाते थे, पर हम कभी देश से बाहर घूमने नहीं गए, क्योंकि हम अफॉर्ड नहीं कर सकते थे. पापा मुझे हमेशा एक प्रिंस की तरह फील कराते थे. मेरी पॉकेट मनी 25 रुपये थी, पर मुझे वो 50 रुपये देते थे. मेरा वजन भी पापा की वजह से बढ़ा, क्योंकि उन्होंने मुझे बिगाड़ा हुआ था. सबकुछ दिया था उन्होंने मुझे. फिर धर्मा प्रोडक्शन की तीसरी, चौथी और पांचवी फिल्म ने अच्छा पैसा कमाया. तभी पापा इस दुनिया को अलविदा कह गए."
करण ने संभाला है धर्मा प्रोडक्शन्स "मैंने धर्मा को संभाला. कितना पैसा हमने कमाया, जब मेरे हाथ में धर्मा की कमान आई. मुझे गर्व होता है कि मैं अपने पिता का सपना जी पा रहा हूं. मैं बहुत मेहनत करता हूं. कितनी बार ऐसा होता है, मैं 18 घंटे काम करता हूं. नेशनल हॉलिडे और छुट्टी वाले दिन काम करता हूं. 16-20 घंटे रोज काम कर रहा हूं. 5 घंटे सोता हूं. बहुत मुश्किल से मैंने ये पैसा कमाया है. तो मैं अगर अमीर हूं तो अपनी मेहनत से हूं, मैं क्यों माफी मांगू इसके लिए."
"मुझे जो पसंद होता है, मैं उस पर पैसा खर्च करता हूं. मुझे शॉपिंग करनी पसंद है, मैं अपनी मेहनत के लिए क्यों माफी मांगू. जिसको जो सोचना है सोचे." बता दें कि करण की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' ने शानदार कमाई की थी.
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