
Pitru Paksh 2021: ऐसा कुंड जहां भटकती आत्माओं को मिलती है मुक्ति, जानें कहां है ये नगरी
Zee News
धर्म की नगरी काशी में वैसे तो मणिकर्णिका घाट को मुक्ति की स्थली कहा जाता है. लेकिन, अपने पितरों की मुक्ति की कामना से पिशाचमोचन कुंड पर श्राद्ध और तर्पण करने के लिए लोगों की भीड़ पितृ पक्ष के महीने में यहां जुटती है.
वाराणसी: महादेव की नगरी वाराणसी को मोक्ष की नगरी भी कही जाती है. ऐसी मान्यता है कि यहां प्राण त्यागने वाले मनुष्यों को भगवान भोले नाथ खुद मोक्ष प्रदान करते हैं. लेकिन, जो लोग काशी से बाहर या काशी में अकाल मौत के शिकार होते हैं, उनके मोक्ष के लिए यहां के पिशाचमोचन कुंड (Pishach Mochan Kund) पर त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है. त्रिपिंडी श्राद्ध करने के लिए पिशाचमोचन कुंड पर लोगों की भारी भीड़ आती है. काशी के अति प्राचीन पिशाचमोचन कुंड पर होने वाले त्रिपिंडी श्राद्ध के साथ ये मान्यता जुड़ी है कि पितरों को प्रेत बाधा और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिल जाती है.
गरुण पुराण में है वर्णन ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने सृष्टि की रचना का प्रारंभ यहीं से किया था. यह सर्वविदित है कि जो भी इंसान यहां अंतिम सांस लेता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. कई लोग तो सिर्फ इसी वजह से अपने अंतिम समय में काशी में ही आकर बस जाते हैं. मोक्ष नगरी काशी में चेतगंज थाने के पास पिशाचमोचन कुंड स्थित है.