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New Financial Crisis: दुनिया को नए वित्तीय संकट में धकेल रहे राजनेता; 91 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा राजकोषीय घाटा, जानें- भारत की स्थिति
Zee News
New financial crisis in world: ऋण का बोझ इतना बढ़ गया है कि अब यह संयुक्त राज्य अमेरिका सहित समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में भी जीवन स्तर के लिए बढ़ते खतरे का कारण बन रहा है. महामारी के कारण भी अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ा.
New financial crisis in world: शुरुआत एक उदाहरण के साथ करते हैं, जैसे कि दुनियाभर की बड़ी-बड़ी कंपनियां, META, X इत्यादि छंटनी कर रही हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सब कारणों में से हम दो पर बात करते हैं. एक तो ये कि जिस देश में यह कंपनियां संचालित हैं, वहां कि सरकार कैसे काम करती हैं? वहां की नीतियां क्या हैं? और सबसे बड़ी बात टैक्स का क्या हिसाब है. दूसरा ये कि कंपनी ने पहले इतना खर्च कर दिया या लगातार खर्चा होता जा रहा है, जिस कारण आगे चलकर समस्या इतनी बढ़ जाती है कि लोगों को निकालना पड़ता है. अब इन्हीं दो उदाहरणों से आप दुनिया की असल समस्या के बारे में समझेंगे कि कैसे सरकारें खर्च तो खूब करती हैं, लेकिन दबाव जनता पर बढ़ता है.