
Mirza Ghalib Birth Anniversary: एक डर जो गालिब को तमाम जिंदगी लगा रहा
Zee News
Mirza Ghalib Birth Anniversary: गालिब का खास मिजाज ही उनके सुखन में खास अंदाज ले आता था. उन्होंने कभी नामचीन बनने के लिए शेर नहीं गढ़े. बस वक्त समझा और कह गए.
नई दिल्लीः Mirza Ghalib Birth Anniversary: ये दुपहरी से ऊपर का वक्त है. मिजाज और मौसम ऐसा है कि सूरज मियां भी अलसाए ही लगते हैं. उनका भी आसमां पर छाने का मन नहीं है. बस अपने आरामगाह की पूरब वाली खिड़की से थोड़ा बाहर झांक लिया, दुनिया में कामभर का उजाला हो लिया, फिर चलो मियां रजाई में ही चलें, कौन जाए बाहर. इसी अलसाए मिजाज वाले मौसम में 1796 वाले साल में दिसंबर के 27वें रोज असद पैदा हुए. यही आरामतलबी, तसल्ली और शौकिया मिजाज लेकर. आज जब दुनिया तसल्ली खोजती है, तो वो यहीं असद के सुखन में मिलती है. असद वही, जिसे जमाना गालिब के नाम से जानता है.
कौन गालिब? कौन गालिब? अरसा हो गया इस बात को, लेकिन गालिब को पता था कि लोग एक रोज पूछ जरूर लेंगे कौन गालिब? तो मियां बहुत पहले लिख गए थे. पूछते हैं वो कि गालिब कौन है, कोई बतलाओ कि हम बतलाए क्या.