
Karnataka: क्लर्क से लेकर दक्षिण के 'अटल' बन जाने तक की कहानी, जानिए येदियुरप्पा का सियासी सफर
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येदियुरप्पा के इस फैसले को लेकर उनकी जिंदगी के कई पुराने किस्से ताजा होने लगे हैं. आइए जानते हैं बीजेपी के इस कद्दावर नेता की कहानी..
बेंगलुरूः कर्नाटक की सियासत में सोमवार को बड़ा उलटफेर हुआ. राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. राज्य में पिछले कुछ दिनों से इसकी अटकलें तेज थीं की येदियुरप्पा अपना पद छोड़ देंगे. दिल्ली में कई दिनों तक बैठकों का दौर भी चला. आखिरकार येदियुरप्पा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब इन बातों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि आखिर कर्नाटक की कमान किसे मिलेगी. लेकिन येदियुरप्पा के इस फैसले को लेकर उनकी जिंदगी के कई पुराने किस्से ताजा होने लगे हैं. आइए जानते हैं बीजेपी के इस कद्दावर नेता की कहानी.. शैव मंदिर के नाम पर हुआ नामकरण येदियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी 1943 को कर्नाटक राज्य के मांड्या जिले के बुकनाकेरे गांव में हुआ. येदियुरप्पा हिंदू धर्म के लिंगायत समुदाय के हैं. कर्नाटक के तुमकुर जिले में येदियुर स्थान पर संत सिद्धलिंगेश्वर द्वारा बनाए गए शैव मंदिर के नाम पर उनका नाम रखा गया था. जब येदियुरप्पा चार साल के थे, तब ही इनकी माता की मौत हो गई थी. आज भी लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े नेता के रूप में उनकी पहचान है.More Related News