
Jharkhand: 1905 में जंगल काटकर बसने वाले एक शख्स के परिवार में है अब 800 लोग, 400 लोग डालते हैं VOTE
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हकीम अंसारी कहते हैं कि जब उनके दादा यहां आकर बसे तो इस जगह पर जंगल था. उन्होंने जंगल को साफ करके रहने और खेती लायक बनाया. उनके पांच बेटे मोहम्मद मियां, इब्राहिम मियां, हनीफ अंसारी, करीम बख्श और सदीक मियां हुए.
रांचीः देश-दुनिया में इस वक्त बढ़ती मानव आबादी को एक बडे़ संकट के तौर पर देखा जा रहा है. वैश्विक स्तर पर आबादी नियंत्रण के लिए विमर्श चल रहा है. वहीँ हाल के दिनों में भारत में भी आबादी नियंत्रण को लेकर कई राज्य सरकारों ने कदम उठाया है. सरकारे कानून बनाकर बढ़ती मानव आबादी को सीमित करना चाहती है. हालांकि इन्हीं इन्हीं चर्चाओं के बीच कभी-कभी बड़े आकार वाले परिवारों की खबरें भी आती रहती है. हाल में भारत के मिजोरम में एक बड़े खानदान के मुखिया के मौत की खबर आई थी, जिसके परिवार में 100 से ज्यादा लोग थे. घर के मुखिया की ही सिर्फ 39 बीवीयां थी. अब ऐसी ही एक खबर झारखंड के काडरमा से आई है, जहां एक खानदान में 800 से ज्यादा लोग है और उनमें 400 लोग वोट भी करते हैं. कोडरमा जिले में बसा अनोखा गांव राज्य के कोडरमा जिले में नादकरी ऊपर टोला नाम के एक गांव में एक ही खानदान और संप्रदाय के लोग रहते हैं. ये सभी लोग उत्तीम मियां के वंशज हैं. इस परिवार के एक सदस्य 82 साल के हकीम अंसारी कहते हैं कि उनके दादा उत्तम मियां 1905 में अपने पिता बाबर अली और बीवी के साथ इस जगह पर आकर बसे थे. यहां आने से पहले वे गिरिडीह जिले के रेंबा बसकुपाय गांव में रहते थे. इनके गांव में अभी दो मस्जिद, मदरसा और स्कूल भी है.More Related News