Jalsa Review: शॉक.. थ्रिल.. सस्पेंस की ट्रिपल डोज, विद्या बालन-शेफाली शाह का कमाल
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Jalsa Review: विद्या बालन और शेफाली शाह की जोड़ी दर्शकों के बीच में जलसा लेकर आई है. होली के मौके पर दर्शकों को असल में कितना 'जलसा' हुआ है, ये हमारा रिव्यू बता देगा.
द कश्मीर फाइल्स का बॉक्स ऑफिस पर धाकड़ कलेक्शन चल रहा है. अक्षय कुमार की बच्चन पांडे के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. फिल्म कलेक्शन को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं. लेकिन द कश्मीर फाइल्स की इस सुनामी के बीच एक और डायरेक्टर हैं जिन्होंने बढ़िया खेला किया है. बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की रेस से बाहर रहने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन पर अपनी फिल्म को रिलीज कर दिया है. नाम है जलसा और डायरेक्टर हैं सुरेश त्रिवेणी. विद्या बालन और शेफाली शाह की फिल्म है, ट्रेलर को लेकर चर्चा थी, अब रिलीज भी हो गई है. जानते हैं क्या बनाया है...
कहानी
माया मेनन ( विद्या बालन) पेशे से पत्रकार है. सच्चाई को अपनी पहचान बताने वाली माया मुश्किल सवाल पूछने के लिए जानी जाती है. सामने फिर चाहे कोई कोर्ट का जज खड़ा हो या फिर कोई दूसरी हस्ति, पत्रकारिता के प्रति उसकी निष्ठा और ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं खड़ा करता. लेकिन उसके इसे बेहतरीन करियर में जबरदस्त मोड़ आ जाता है. एक एक्सीडेंट होता है....हिट एंड रन वाला. देर रात में स्पीड में आती गाड़ी एक लड़की को टक्कर मार देती है. ये लड़की मेड रुकसाना (शेफाली शाह) की बेटी है जो माया मेनन के घर पर खाना बनाने का काम करती है. खाना तो बनाती है ही, माया के बच्चे का भी पूरा ध्यान रखती है. एक तरीके से घर जैसे रिश्ते हैं.
लेकिन रुकसाना की बेटी का ये एक्सीडेंट माया की जिंदगी को उथल पुथल से भर देता है. काम पर ध्यान नहीं है, गलती ना करने वाली पत्रकार गलती करने लग जाती है. अब माया की ये चिंता सिर्फ रुकसाना की बेटी के प्रति उसका प्यार है? रुकसाना की बेटी को किसने टक्कर मारी है? क्या माया कुछ छिपा रही है या रुकसाना के मन में कुछ चल रहा है? सवाल तो और भी कई उठ सकते हैं, लेकिन सब का जवाब जलसा देखने के बाद ही मिलेगा.
कहानी में जबरदस्त ठहराव