![चॉल में बीता बचपन-1500 रुपये थी पहली सैलरी, विक्की कौशल बोले- संघर्षों का जश्न मनाना चाहिए...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202502/67a31ee8cb979-vicky-kaushal-051843234-16x9.jpg)
चॉल में बीता बचपन-1500 रुपये थी पहली सैलरी, विक्की कौशल बोले- संघर्षों का जश्न मनाना चाहिए...
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विक्की कौशल ने का कहना है कि
बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल इन दिनों फिल्म 'छावा' को लेकर सुर्खियों में हैं. इस दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने पुराने दिनों को याद किया. वह बताते हैं कि कभी वो चॉल में रहा करते थे. वहीं उनकी पहली सैलरी 1,500 रुपये थी. विक्की भले ही एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल के बेटे हैं लेकिन इंडस्ट्री में जगह उन्होंने अपनी मेहनत से बनाई है.
विक्की के फैंस के लिए उनकी जर्नी किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है. वह कभी चॉल के 10x10 के कमरे में अपने परिवार के साथ रहते थे. उसके बाद उन्होंने यहां तक का सफर जिस तरह से तय किया, वो सभी के लिए काफी प्रेरणादायक है.
कभी बीता था चॉल में बचपन
अपनी स्ट्रगल से भरे सफर को याद करते हुए विक्की ने पिंकविला से बात की. वो बोले, 'जब मैं चॉल में रहता था, मेरा वहां जन्म ही हुआ था. ऐसे में मुझसे ज्यादा संघर्ष तो मेरे माता-पिता को करना पड़ा था. हम तो बच्चे थे. हमें तो यह भी नहीं पता था कि संघर्ष का मतलब क्या होता है. विक्की आगे कहते हैं, 'मैं अपने संघर्ष को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहूंगा. क्योंकि, सबकी लाइफ में चैलेंज होता है. हो सकता है, मेरी स्थिति किसी और से ज्यादा बेहतर रही होगी, या फिर किसी और की लाइफ मुझ से ज्यादा बेहतर रही होगी. अंत में हम सबको अपनी लाइफ का मीनिंग खुद ही ढूंढना होता है.
जीवन में संघर्ष भी जरूरी है
विक्की कहते हैं, "जब तक जीवन है संघर्ष तो रहेगा ही. किसी को किसी चीज की कमी होगी, तो किसी दूसरे को किसी चीज की. यह तो जिंदगी का हिस्सा है. लेकिन मेरा मानना है कि जीवन के संघर्षों का जश्न मनाना चाहिए. नहीं तो, हम इंटरव्यू में क्या बात करेंगे. अगर बिना संघर्ष के ही आप जीवन में कुछ हासिल करते हैं, तो आपके पास बताने के लिए कुछ नहीं होता.