India Today Conclave: अगले साल तक बहुत जगह आएगा रिसेशन, प्रांजल भंडारी ने किया आंशिक मंदी का दावा
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शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भारत के जाने-माने इकोनॉमिस्ट ने हिस्सा लिया. भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा की गई जिसमें महेश व्यास, नीलकंठ मिश्रा, अजीत रानाडे, अभीक बरुआ और प्रांजल भंडारी ने हिस्सा लिया. भारत की अर्थव्यवस्था, ग्रोथ और महंगाई पर चर्चा की गई.
India Today Conclave Mumbai: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन बिजनेस, कला, लेखक, फिल्म जगत की दिग्गज हस्तियां अपने विचारों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. शनिवार को इंडिया टुडे के इस मंच पर भारत के जाने-माने इकोनॉमिस्ट ने हिस्सा लिया. और सबसे पहले सेशन 'Indianomics: Navigating the global economic meltdown' में अपने विचार साझा किए.
कार्यक्रम में शिरकत की सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ महेश व्यास (Mahesh Vyas) ने. इनके साथ थे एशिया पैसिफिक स्ट्रैटिजी, इंडिया इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट, क्रैडिट इश्यू के सह-प्रमुख नीलकंठ मिश्रा (Neelkanth Mishra), गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, पुणे के कुलपति, अजीत रानाडे (Ajit Ranade), HDFC बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट और कार्यकारी उपाध्यक्ष अभीक बरुआ (Abheek Barua) और HSBC की ASEAN ईकोनॉमिस्ट, चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट की एमडी प्रांजल भंडारी (Pranjul Bhandari)
'दुनिया ने इससे पहले इतने इंट्रेस्ट रेट कभी नहीं देखे थे'
भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि अर्थव्यवस्था भले ही धीमी हो रही है, लेकिन मुझे लगता है कि वर्तमान में हमारी अर्थव्यवस्था की ट्रैजेक्टरी बहुत मज़बूत है, जो हमारे टैक्स कलेक्शन, कार सेल्स , एयरलाइन ट्रैफिक में साफ दिख रही है. लेकिन भारत में इंट्रेस्ट रेट बहुत बढ़ रहे हैं. ग्रोथ काफी ज्यादा है. मुझे बस ग्लोबल एक्सिडेंट की फिक्र है. इनमें से कुछ चीजें, नॉनलीनियर हैं.
दुनिया ने इससे पहले इतने इंट्रेस्ट रेट कभी नहीं देखे थे. बाजार, पॉलिसी मिस्टेक्स पर ज़ीरो टॉलरेंस रखता है. अगर किसी भी सरकार में राजनीतिक उधल-पुथल होती है या सेंट्रल बैंक से कोई गलती होती है तो इस तरह के एक्सिडेंट का रिस्क बहुत बढ़ जाता है. और जब ऐसा होता है, तो अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ता है. तो मुझे लगता है कि ये सब ठीक हो जाएगा. लेकिन हमें सचेत रहने की ज़रूरत है.
'ग्लोबल एक्सिडेंट का डर है'
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.