आखिर सीरिया में तख्तापलट के बाद भीषण हमले क्यों कर रही है इजरायली सेना?
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सीरिया में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हो गया है, लेकिन वहां चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सीरिया में इजरायल और तुर्किए की सेना लगातार हमले कर रही है. उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है.
सीरिया में नई कार्यवाहक सरकार का गठन हो गया है, लेकिन वहां चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सीरिया में इजरायल और तुर्किए की सेना लगातार हमले कर रही है. उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है. मंगलवार को एक तरफ मोहम्मद अल बशीर को सीरिया का नया कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया तो दूसरी तरफ इज़रायल अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के नाम पर सीरिया के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया.
मंगलवार को इजरायली सेना ने हमले का एक वीडियो जारी किया है. इसमें कहा गया है कि उसने सीरिया के अधिकांश रणनीतिक हथियारों के भंडार पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया है. रक्षा मंत्री ऐजरायल काट्स ने कहा कि उनका मकसद दक्षिणी सीरिया में किसी भी तरह से चरमपंथी ताकतों को पनपने से रोकना है. वहीं प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया है कि सीरिया के नए नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं.
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, हम सीरिया से बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकि यदि उसने ईरान का साथ दिया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. हमारा सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है. हम अपनी सुरक्षा के लिए जो आवश्यक है, वो करने का इरादा रखते हैं. इस प्रकार मैंने सीरियाई सेना द्वारा छोड़ी गई सामरिक सैन्य क्षमताओं पर वायु सेना की बमबारी को मंजूरी दी ताकि वे जिहादियों के हाथों में न पड़ सके.''
उन्होंने आगे कहा, ''यह वैसा ही है जैसा ब्रिटिश वायुसेना ने किया था जब उसने विची शासन के बेड़े पर बमबारी की थी, जो नाज़ियों के साथ सहयोग कर रहा था, ताकि वह नाज़ियों के हाथों में न पड़ जाए. हम सीरिया में नए शासन के साथ संबंध रखना चाहते हैं, लेकिन यदि यह शासन ईरान को सीरिया में फिर से स्थापित होने देता है, या किसी भी तरह के हथियारों को हिज्बुल्लाह को हस्तांतरित करने देता है, तो हम जोरदार जवाब देंगे.''
दूसरी तरफ सीरिया के क़ामिश्ली में हवाई अड्डे के पास तुर्किए ने ज़ोरदार हमला किया है. यहां पर उसने एक सैन्य स्थल को तबाह कर दिया. वहीं तुर्की की खुफिया एजेंसी ने पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्द वाईपीजी मिलिशिया के एक काफिले पर भी ज़बरदस्त हमला किया. इसमें हथियारों से भरे 12 ट्रकों, 2 टैंकों और गोला-बारूद के भंडार को नष्ट कर दिया. कुर्द वाईपीजी गुट उत्तरी सीरिया में सक्रिय हैं जो तुर्किए के खिलाफ काम करता है.
उधर, सीरिया पर कब्जे के बाद विद्रोहियों ने सरकारी जेलों में सालों से बंद कैदियों को रिहा करना शुरू कर दिया. इनमें सबसे बदनाम जेल सैदनाया है, जिसे इंसानों का स्लॉटरहाउस कहा जाता है. हजारों सीरियाई लोग अपने प्रियजनों की तलाश के लिए दमिश्क के ठीक उत्तर में मौजूद इस जेल पहुंचे और अपनों की तलाश करते नजर आए. सैदनाया जेल का ज्यादतर हिसा जमीन के अंदर बना है और यहां पहुंचना बेहद कठिन माना जाता हैं.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.