'अतुल सुभाष ने अपना फ्रस्ट्रेशन निकाला है, मेरी बेटी सुसाइड के लिए नहीं कह सकती...', बोली AI इंजीनियर की सास
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अतुल सुभाष सुसाइड केस पर पूरे देश में चर्चा चल रही है. बेंगलुरु में अब अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी के भाई अतुल सिंघानिया और अंकल सुशील सिंघानिया के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच शुरु कर चुकी है. खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया.
बेंगलुरु में एआई इंजीनियर ने पत्नी, ससुरालवालों और उत्तर प्रदेश में चलते केस में न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली. कल से इस मामले पर पूरे देश में चर्चा चल रही है. बेंगलुरु में अब अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी के भाई अतुल सिंघानिया और अंकल सुशील सिंघानिया के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच शुरु कर चुकी है. खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया.
इस बीच जौनपुर में रहने वाले निकिता सिंघानिया के परिवार का बयान भी सामने आया है. निकिता की मां ने आजतक से बात करते हुए कहा अपनी बेटी और परिवार पर लगाए गए उत्पीड़न के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "ये जो आरोप लगे हैं, सारे निराधार है. मैं सारे सबूत दुनिया के सामने रखूंगी. अतुल सुभाष ने अपना फ्रस्ट्रेशन हम पर निकाला है. मेरी बेटी कभी किसी को आत्महत्या के लिए नहीं बोल सकती."
हमारे परिवार का कोई भी व्यक्ति दोषी नहीं: निकिता के चाचा
आजतक से बात करते हुए निकिता के चाचा सुशील कुमार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "निकिता अभी यहां नहीं है, लेकिन जब वह वापस आएगी, तो वह हर सवाल का जवाब देगी. मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में एफआईआर में मेरा नाम था. लेकिन मैं वहां (बेंगलुरू में) नहीं था और न ही इस मामले में मेरी कोई भूमिका थी. हमें मामले के बारे में मीडिया से ही पता चला."
उन्होंने आगे कहा, "हमारे परिवार का कोई भी व्यक्ति दोषी नहीं है. अदालत में मामला चल रहा है और अदालत का जो भी फैसला होगा, उसका पालन किया जाएगा. मैं एक अलग फ्लैट में रहता हूं और भले ही मैं रिश्ते से निकिता का चाचा हूं, लेकिन मुझे मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है. तीन साल से मामला अदालत में चल रहा है और हमारी तरफ से कोई भी उनसे नहीं मिला.
9 दिसंबर को बेंगलुरु में किया था सुसाइड
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.