
Gujarat: मोदी-शाह ने खेला पाटीदार कार्ड, क्या Bhupendra Patel 2022 में लगाएंगे BJP की नैया पार?
Zee News
भाजपा ने भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) को गुजरात का सरदार बनाने का फैसला किया है. 5 साल बाद किसी पाटीदार को दोबारा राज्य की कमान सौंपी गई है. मोदी-शाह ने बड़ी सोची-समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है. इसके जरिये पार्टी पिछले कुछ समय से बिदके पाटीदार समुदाय को खुश करना चाहती है.
नई दिल्ली: गुजरात में पाटीदार समुदाय बेहद ताकतवर है. धन-बल दोनों से. भाजपा के दो दशकों से जारी विजय अभियान में इस समुदाय की बड़ी भूमिका है. 2016 में आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया था. वह इसी समुदाय से आती हैं. भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के हाथों में राज्य का नेतृत्व देकर भाजपा के आलाकमान ने पाटीदार कार्ड खेला है. पाटीदार समुदाय की ताकत को इस बात से समझा जा सकता है कि यह राज्य में 70 से ज्यादा चुनावी सीटों का रुख बदल सकता है. 2022 में राज्य में चुनाव से पहले भाजपा ने इसके जरिये पाटीदार समुदाय को रिझाने की कवायद में बड़ा कदम उठाया है. बताया जाता है कि पाटीदार समुदाय का समर्थन ही है जिसने पिछले दो दशकों से भाजपा को गुजरात में जमाकर रखा हुआ है. राज्य में पाटीदारों की ताकत का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि ये 182 विधान सभा क्षेत्रों में से 70 से अधिक में चुनावी नतीजों का रुख बदल सकते हैं. ये 71 निर्वाचन क्षेत्रों में तकरीबन 15 फीसदी या उससे ज्यादा मतदाता हैं. गुजरात की करीब 6 करोड़ आबादी में पाटीदार 1.5 करोड़ हैं. यह अनुमानित आबादी का 12-14 फीसदी है. पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी के वोट शेयर का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि इसका लगभग एक-चौथाई हिस्सा पाटीदारों का है. 2012 में बीजेपी को मिले 48 फीसदी वोट शेयर में से 11 फीसदी पाटीदारों का था.More Related News