
FACEBOOK पर की थी गोमूत्र से कोविड के इलाज की आलोचना, गिरफ्तारी पर जानिये सुप्रीम कोर्ट का क्या है हुक्म
Zee News
मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंद्रो लीचोम्बम को सुप्रीम कोर्ट ने शाम पांच बजे या उससे पहले रिहा करने का हुक्म दिया है. लीचोम्बम को शुरुआत में भाजपा नेताओं की शिकायत पर 13 मई को उनके फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता एरेंद्रो लीचोम्बम को शाम पांच बजे या उससे पहले रिहा करने का हुक्म दिया है. लीचोम्बम को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत एक फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था. फेसबुक पोस्ट में लीचोम्बम ने भाजपा नेताओं के जरिए कोविड के इलाज के तौर पर गोबर और गोमूत्र की वकालत करने के लिए आलोचना की थी. जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने कहा कि इस तरह के पोस्ट के लिए किसी व्यक्ति को एक दिन के लिए भी जेल में नहीं रखा जा सकता है. हम आज ही उनकी रिहाई का हुक्म देंगे. जिंदगी जीने और निजी स्वतंत्रता का उल्लंघन है यह सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी तरफ से बेंच से मामले को मंगल के लिए लिस्ट करने की अपील की थी. हालांकि, बेंच ने कहा कि अदालत आज अंतरिम राहत देगी. हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता को लगातार हिरासत में रखना अनुच्छेद 21 के तहत जिंदगी जीने के अधिकार और निजी स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा. इसलिए हम हुक्म देते हैं कि याचिकाकर्ता को इस अदालत और विषय के अंतरिम निर्देशों के अधीन फौरन रिहा किया जाए. अदालत ने अपने रजिस्ट्रार न्यायिक को शाम 5 बजे से पहले कार्यकर्ता की रिहाई के लिए मणिपुर सेंट्रल जेल को आदेश देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह अगली सुनवाई में मुआवजे के लिए दबाव डालेंगे.More Related News