
DNA ANALYSIS: Corona से मातम के बीच IPL टीमों का सेलिब्रेशन, सही या गलत? लोगों ने उठाए सवाल
Zee News
DNA ANALYSIS: हमारे देश में ये परम्परा रही है कि जब किसी बड़े जननेता का निधन होता है तो देश तीन या सात दिन का शोक दिवस मनाता है और इस दौरान बड़े सरकारी कार्यक्रम भी नहीं होते. 30 जनवरी 1948 को जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी तो उस समय देश में 3 दिन तक शोक दिवस मनाया गया था.
नई दिल्ली: अब हम आपको कुछ और तस्वीरें दिखाते हैं. एक तस्वीर उन रोते बिलखते लोगों की है, जिन्होंने इस महामारी में अपनों को खो दिया है और दूसरी तस्वीर IPL की है, जहां हर मैच के बाद जीतने वाली टीम सेलिब्रेट करती है और होटल पहुंचने पर उनका ज़ोरदार स्वागत होता है. एक देश की ये दो अलग अलग तस्वीरें हैं, और ये सिर्फ़ भारत में ही हो सकता है. हिन्दू धर्म के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो परिवार में 13 दिनों तक नए कपड़े, ख़रीदारी और चूल्हे पर खाना नहीं पकाया जाता. वैदिक परम्पराओं में जो 16 संस्कार बताए गए हैं उनमें 16वां संस्कार अंतिम संस्कार का ही है. इसमें उल्लेख मिलता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो परिवार में सूतक लग जाता है और इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं होता. और 13 दिनों तक परिवार में शोक मनाया जाता है और तेहरवीं के दिन मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए पंडितों को भोजन कराया जाता है.More Related News