
DNA ANALYSIS: भगत सिंह ने देखा था ऐसे भारत का सपना, 6 Points में समझें
Zee News
शहीद भगत सिंह कैसा भारत चाहते थे. आज DNA में हम इसी का विश्लेषण करेंगे. इसके साथ ही हम देश के नौजवानों को ये भी बताएंगे कि वो भगत सिंह से क्या सीख सकते हैं और भगत सिंह के लिए अटूट प्रेम का अर्थ क्या था.
नई दिल्ली: आज का DNA बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि, आज हम आपको आज़ादी के मतवालों के बारे में बताएंगे. 23 मार्च 1931 का दिन याद कीजिए. ये वही दिन था, जब महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम हरि राजगुरु ने फांसी के फंदे को आज़ादी का आभूषण मानकर अपने गले में डाल लिया था. शहीद भगत सिंह कहते थे कि बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती. क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है. भगत सिंह भारत को अंग्रेज़ों की बेड़ियों से स्वतंत्र देखना चाहते थे, लेकिन आज़ादी से 16 साल 4 महीने और 23 दिन पहले ही उन्हें फांसी दे दी गई और हंसते हुए उन्होंने अपनी शहादत को गले लगा लिया.More Related News