
DNA ANALYSIS: गांवों में कहर बरपा रहा कोरोना, ग्राउंड रिपोर्ट से समझिए कैसे हैं हालात
Zee News
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर संक्रमण फैलता है और उसके बाद भी कोरोना की टेस्टिंग स्पीड नहीं बढ़ाई जाती तो इससे वायरस और ज्यादा फैल सकता है. यानी संक्रमण को रोकना है तो ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने होंगे.
नई दिल्ली: गांवों में लोगों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए कई टेस्ट देने पड़ रहे हैं. पहला टेस्ट शुरू होता है घर से. गांवों में अगर किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हैं तो उसकी पहली लड़ाई घर से ही शुरू होती है. जो व्यक्ति बीमार है, उसे परिवार के दूसरे सदस्यों को इस बात के लिए मनाना पड़ता है कि उसे कोरोना हो सकता है. अभी कुछ जगहों पर ऐसा हो रहा है कि अगर किसी परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तो दूसरे सदस्य यही मान कर चलते हैं कि उसे सामान्य बुखार या खांसी है. ऐसे में मरीज की बीमारी समय पर नहीं पकड़ी जाती और कई मामलों में मरीज की मौत हो जाती है. दूसरा टेस्ट शुरू होता है घर के बाहर. जिन गांवों में वायरस परिवार के सभी सदस्यों को संक्रमित कर चुका है और ये सभी लोग अपना टेस्ट कराना चाहते हैं तो अधिकतर गांवों में इसकी कोई सुविधा ही नहीं है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से ऐसी खबरें आ रही हैं, जहां लोग चाह कर भी अपनी कोरोना की जांच नहीं करा पा रहे. यानी कोरोना टेस्ट के लिए लोगों को ये टेस्ट भी देना पड़ रहा है.More Related News