
DNA ANALYSIS: ईद पर छूट सेकुलरिज्म, तो कांवड़ में छूट देना सांप्रदायिकता कैसे?
Zee News
केरल सरकार के सेकुलरिज्म वाले मॉडल को आप यहां के बाजारों से आई तस्वीरों से भी समझ सकते हैं. केरल के बाजारों में पिछले तीन दिनों से लोगों की भीड़ ईद की खरीदारी के लिए इकट्ठा हो रही है, लेकिन ये भीड़ कुम्भ की भीड़ की तरह किसी की आंखों को चुभती नहीं है.
नई दिल्ली: आज हम डीएनए में एक सवाल के साथ आपके सामने आए हैं और सवाल ये है कि केरल में ईद पर लॉकडाउन में छूट देना कैसे सेकुलरिज्म यानी धर्मनिरपेक्ष है और कैसे यूपी में कांवड़ यात्रा को मंजूरी देना साम्प्रदायिक है? 1950 में जब हमारे देश का संविधान लागू हुआ था तो हमसे ये वादा किया गया था इस देश में रहने वाले हर नागरिक को बराबरी का दर्जा मिलेगा, चाहे वो किसी भी धर्म या जाति से हो और हम एक धर्मनिरपेक्ष देश कहलाएंगे. हमसे वादा किया गया था कि यहां होली, दीवाली, क्रिसमस और ईद सबको बराबरी से मनाया जाएगा. सब पर एक जैसे नियम कानून लागू होंगे, लेकिन आज 71 वर्ष के बाद हम फिर वही सवाल उठा रहे हैं कि हमारे देश में दीवाली और ईद पर अलग अलग नियम लागू क्यों होते हैं? और कैसे हमारे देश में भीड़ का रंग भी अब धर्मनिरपेक्षता का रूप तय करने लगा है?More Related News