![Coronavirus: SC ने बनाई नेशनल टास्क फोर्स, ऑक्सीन-दवा सप्लाई पर बनाएगी हिकमते अमली](https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/2021/05/08/820544-sc.jpg)
Coronavirus: SC ने बनाई नेशनल टास्क फोर्स, ऑक्सीन-दवा सप्लाई पर बनाएगी हिकमते अमली
Zee News
SC Sets Up 12-member National Task Force: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि टास्क फोर्स एक हफ्ता के भीतर काम करना शुरू करे और हुकूमत और अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपे.
नई दिल्ली: कोरोना के इन बढ़ते मामलों के दरमियान ज्यादातर रियासतों को ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की भारी किल्लत का सामना है और इस मामले को लेकर अलग-अलग रियासतों के हाईकोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसी बीच अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12 रुक्नी नेशनल टॉस्क फोर्स (National Task Force) बनाई की जो रियासतों और मरकज़ के ज़ेरे इंतज़ाम इलाकों में ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं (Oxygen and Medicines) की फरहामी और सप्लाई का अंदाज़ा और उनकी सिफारिश करेगी. अदालत ने कहा है कि ये टास्क फोर्स शफाफ और पेशेवर तरीके से कोरोना वबा की चैलेंजेज का सामना करने के लिए इनपुट और हिकमते अमली देगी. साथ ही साइंसी, मुनसिब और जायज़ बुनियाद पर रियासतों को ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए तरीके कार तैयार करेगी. इसमें शामिल 10 रुक्न मुल्क के जाने-माने डॉक्टर और दो रुक्न हुकूमत के नुमाइंदा होंगे.![](/newspic/picid-1269750-20250211080712.jpg)
पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंचे हैं. यहां फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनका गले लगाकर स्वागत किया. फ्रांस आए पीएम मोदी एआई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अतिरिक्त मैक्रों के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे. इसके अलावा भारत-फ्रांस सीईओ मंच को संबोधित करेंगे.
![](/newspic/picid-1269750-20250210134438.jpg)
Aero India: राजनाथ बोले- मोटर की तरह है रक्षा क्षेत्र, ये अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को दे रहा शक्ति
कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम 'एयरो इंडिया-2025' आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.