Badrinath Dham में मौसम ने बदली करवट, पहाड़ियों पर होने लगी बर्फबारी, 19 को बंद होंगे कपाट
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उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है. यहां पहाड़ियों पर बर्फबारी देखने को मिल रही है. बता दें कि 19 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने हैं, लेकिन इससे पहले ही यहां बर्फ गिरने लगी है. हर रोज तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है.
उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ धाम में मौसम ने करवट ली है. यहां मौसम बदलने के साथ ही पहाड़ियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. इसी के साथ कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है. 19 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने हैं. बद्रीनाथ धाम में इस बार जबरदस्त सर्दी होने लगी है. इस बार बर्फबारी भी समय से पहले होने लगी है.
बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने में अब 14 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन उससे पहले यहां बर्फबारी की दस्तक भी शुरू हो गई है. दिन प्रतिदिन तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. नर नारायण पर्वत और नीलकंठ पर्वत पर बर्फ की सफेद चादर जम गई है.
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बता दें कि बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट 27 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे. इस बार कोरोना काल के बाद चारधाम यात्रा की रौनक दिखी है. चारधाम यात्रा ने इस साल कई नए कीर्तिमान बनाए. इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ घोड़े-खच्चरों, हेलीकॉप्टर टिकट और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ का कारोबार हुआ है.
यमुनोत्री में 21 करोड़ का कारोबार
यमुनोत्री में घोड़े, खच्चर वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है. यमुनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े-खच्चर रजिस्टर्ड हैं. जिला पंचायत के अनुसार, इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है. यह आंकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.