![Ayodhya: राम मंदिर की नींव का काम अंतिम स्टेज पर, 2023 तक भक्त कर सकेंगे रामलला के दर्शन](https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/2021/09/16/924380-ram-mandir-nirman-kaarya.jpg)
Ayodhya: राम मंदिर की नींव का काम अंतिम स्टेज पर, 2023 तक भक्त कर सकेंगे रामलला के दर्शन
Zee News
श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का काम आखिरी स्टेज पर है. 3-4 महीनों में दूसरे चरण का काम भी पूरा हो जाएगा.
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. पहले चरण का काम पूरा हो चुका है, नींव का कार्य अंतिम दौर पर पहुंच चुका है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट और इंजीनियरों की टीम ने गुरुवार को पूरे काम को मीडिया के सामने सार्वजनिक किया. इस कार्यक्रम में भारी बारिश के बीच पहुंचे पत्रकारों ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति को लाइव प्रसारित किया.
इस दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने बताया कि राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का काम आखिरी स्टेज पर है, अब तक 46 लेयर पड़ चुकी हैं, 48 लेयर डाली जानी हैं. इसके बाद राट का निर्माण होगा. साथ ही चंपत राय ने ये भी बताया कि दिसंबर 2023 तक सभी भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. यह मंदिर तीन मंजिला होगा, गर्भ गृह में रामलला विराजमान होंगे तो दूसरे तल पर राम दरबार विराजित होगा. मंदिर का परकोटा 6.5 एकड़ में बनाया जाएगा.
![](/newspic/picid-1269750-20250211080712.jpg)
पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंचे हैं. यहां फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनका गले लगाकर स्वागत किया. फ्रांस आए पीएम मोदी एआई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अतिरिक्त मैक्रों के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे. इसके अलावा भारत-फ्रांस सीईओ मंच को संबोधित करेंगे.
![](/newspic/picid-1269750-20250210134438.jpg)
Aero India: राजनाथ बोले- मोटर की तरह है रक्षा क्षेत्र, ये अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को दे रहा शक्ति
कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण और अग्रणी प्रौद्योगिकियों का संगम 'एयरो इंडिया-2025' आज की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी लाभ के आधार पर समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.