
“मेरे अंदर नेता बनने की सलाहियत नहीं’’, कथावाचक बन जाने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने क्यों कहा ऐसा
Zee News
बिहार के साबिक डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने नौकरी से इस्तीफा तो सियासत करने के लिए दिया था, लेकिन बिहार के घाघ सियासतदानों की बिसात में वह उलझ कर कथा वाचक बन गए.
पटनाः बात आज से लगभग 10-12 साल पुरानी है जब उत्तर प्रदेश के एक सीनियर पुलिस अफसर डीके पांडा अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर राधा बनकर कृष्ण की भक्ति में डूब गए थे. अब डीके पांडा की राह पर बिहार के साबिक डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय निकल पड़े हैं. उन्होंने नौकरी से इस्तीफा तो सियासत करने के लिए दिया था, लेकिन यहां घाघ सियासतदानों की बिसात में वह उलझ कर कथा वाचक बन गए. पांडेय अब भक्तों को धार्मिक कथा सुनाते हैं और इंसानों को मोक्ष का रास्ता दिखाते हैं. पीले लिबास और संत के गेटअप में उनकी तस्वीर गुजिश्ता दो-चार दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसी बीच गुपतेश्वर पांडेय ने एक मीडिया हाउस को अपना साक्षत्कार दिया है, जिसमें उन्होंने कथा वाचक बन जाने की वजह बताई है. There comes a point when you want to know the purpose of life, and in knowing God. I am no exception. My only interest lies in God now and this transformation is not sudden: Former Bihar DGP-turned-JD(U) leader Gupteshwar Pandey on turning religious preacher — ANI (@ANI)More Related News