
सेना ने कहा- दहशतगर्द अगर गलती स्वीकारते हैं तो बाहें फैलाकर उनका स्वागत किया जाएगा
Zee News
उत्तरी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कहा कि भारतीय सेना उस किसी भी युवा को दूसरा मौका देना चाहती है जो अपनी गलतियां स्वीकारता है आत्मसमर्पण करना चाहता है और मुख्यधारा में वापस आना चाहता है.
मानसबलः जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की राह पकड़ चुके मकामी नौजवानों से सेना ने सोमवार को आत्मसमर्पण करने की अपील की और कहा कि वह दूसरा मौका देने में यकीन करती है और अगर आतंकवादी अपनी गलतियां कबूल करते हैं तो उनका बाहें फैलाकर इस्तकबाल किया जाएगा. सेना की उधमपुर में वाके उत्तरी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने कश्मीर के मध्यवर्ती गंदेरबल जिले में यहां मानसबल झील पार्क में एक प्रोग्राम में यह बयान दिया है. इस कार्यक्रम का आयोजन उन 23 लड़कों की घर वापसी की 23 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए किया गया था जिन्हें ‘हथियार उठाने के लिए बाध्य किया गया था’ लेकिन सेना ने 1998 में उन्हें मुक्त कराके उन्हें उनके परिवारों के हवाले कर दिया था. कार्यक्रम में सेना ने उनका अभिनंदन किया. गलत राह पर गए नौजवानों के परिवार उन्हें बुला रहे हैं वापस सैन्य कमांडर ने कहा कि पिछले कुछ महीने में देखा गया है कि जो युवा आतंकवाद की राह पर चले गए हैं, उनके परिवार उनसे बंदूक की संस्कृति और हिंसा को छोड़कर वापस आने की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा देखना बड़ा मार्मिक लगता है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि हम आत्मसमर्पण करवा लें, हम तब भी आत्मसमर्पण कराने का प्रयास कराते हैं जब हम सघन अभियान के बीच होते हैं. हम चाहते हैं कि युवा मुख्य धारा में लौटें और हम हमेशा बाहें फैलाकर उनका स्वागत करेंगे.More Related News