सजा काट रहे दोषी को है संतान पैदा करने का अधिकार, दिल्ली HC ने सुनाया अहम फैसला
Zee News
न्यायमूर्ति शर्मा ने हालिया फैसले में कहा, ‘दोषी को निरुद्ध करने की वजह से जैविक प्रक्रिया से संतान उत्पत्ति में देरी का अभिप्राय है माता-पिता बनने के मौलिक अधिकार से वंचित करना.
नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि दोषी के जीवन के अधिकार में प्रजनन करने का अधिकार भी शामिल है. इसी के साथ अदालत ने 41 वर्षीय हत्या के दोषी और उम्र कैद की सजा काट रहे व्यक्ति को चार सप्ताह का पैरोल दे दिया ताकि वह अपनी 38 वर्षीय पत्नी से चिकित्सा प्रक्रिया के जरिये संतान उत्पत्ति कर सके.
More Related News