संसद में रेल मंत्री का कांग्रेस पर कटाक्ष, 'अच्छी बात है आपने कॉन्सेप्ट दिया, लेकिन क्या देश केवल कॉन्सेप्ट पर चलेगा?'
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राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अच्छी बात है कि फ्रेट कॉरिडोर का कॉन्सेप्ट आपने दिया, लेकिन क्या देश केवल कॉन्सेप्ट पर चलेगा, आपको काम तो दिखाना पड़ेगा.
राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर गुरुवार को हुई में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया. अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए ये साफ कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि न्यू ट्रैक्स, न्यूलाइन, गेज कन्वर्जन, डबलिंग और ट्रिपलिंग की बात करें तो 2009 से 2014 में मात्र 1520 किलोमीटर हर साल था, जो दुगना होकर 2,531 किमी प्रतिवर्ष हो गया है और इस साल का टार्गेट 3000 किमी से ज्यादा है.
रेलवे का विद्युतीकरण बड़ी चुनौती उन्होंने कहा कि सरकार जब सत्ता में आई तो रेलवे के विद्युतीकरण काम बहुत ही चुनौती भरा था. 2009 से 2014 के बीच विद्युतीकरण जहां 608 किलोमीटर प्रतिवर्ष होता था वहीं 2014-19 के बीच 3440 किलोमीटर प्रतिवर्ष किया गया, जो अब 50 हजार किलोमीटर तक पहुंच गया है.
कैपिटल इनवेस्टमेंट दोगुना रेलमंत्री ने बताया कि 2009-14 के बीच रेलवे में सिर्फ 45980 करोड़ रुपए का कैपिटल इनवेस्टमेंट हुआ था. 2014-19 के बीच इसे दोगुना कर 99511 करोड़ किया गया है. इस साल 2 लाख करोड़ का कैपिटल इनवेस्टमेंट किया गया है.
क्या देश केवल कॉन्सेप्ट पर चलेगा?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर की बात करें तो उन्होंने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अच्छी बात है कि आपने यह कॉन्सेप्ट दिया, लेकिन काम क्या किया? क्या देश केवल कॉन्सेप्ट पर चलेगा, आपको काम तो दिखाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2006 में फ्रेट कॉरिडोर की नींव रखी गई और तब से 2014 तक एक भी शुरू नहीं हुआ था. लेकिन आज 1,010 किलोमीटर तक के फ्रेट कॉरिडोर शुरू हो चुके हैं'.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.