
संविधान के 127वें संशोधन विधेयक-2021 को लोकसभा में मिली मंजूरी, हिमायत में पड़े 385 VOTE
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निचले सदन में इस संविधान संशोधन विधेयक पर मतविभाजन के दौरान पक्ष में 385 मत पड़े और विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा. इस दौरान आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और शिवसेना के विनायक राऊत के संशोधनों को सदन ने खारिज कर दिया.
नई दिल्लीः लोकसभा ने मंगल को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और तालीमी नजरिए से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के हक को बहाल करने से जुड़ा है. निचले सदन में इस संविधान संशोधन विधेयक पर मतविभाजन के दौरान पक्ष में 385 मत पड़े और विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा. इस दौरान आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और शिवसेना के विनायक राऊत के संशोधनों को सदन ने खारिज कर दिया. नियम के मुताबिक संविधान संशोधन विधेयक के रूप में इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत द्वारा या सभा में मोजूद और मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पास होना जरूरी था. चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, शिवसेना सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने पर विचार करने की सरकार से मांग की. कई विपक्षी सदस्यों ने जाति आधारित जनगणना कराने की भी मांग की. मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने मतविभाजन के जरिये ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी. इसे संविधान 105वां संशोधन के रूप में पढ़ा जाएगा. Lok Sabha passes the Constitution (One Hundred and Twenty Seventh Amendment) Bill 2021 which is for restoring the power of states & UTs to make their own OBC lists — ANI (@ANI)More Related News