
वो इंटरव्यू जिसके बाद बदल गया देश का माहौल, लोगों ने कहा ZEE जिंदाबाद
Zee News
कई बार सच दिखाने की कीमत चुकानी पड़ती है और सच के साथ खड़े रहने के लिए युद्ध के मैदान में उतरना पड़ता है. एक ऐसा ही युद्ध Zee TV और उसके विदेशी निवेशक के बीच चल रहा है, जिस युद्ध को 71 वर्ष की उम्र में भी पूरे दमखम के साथ Zee TV के संस्थापक डॉ सुभाष चंद्रा लड़ रहे हैं और अब ये लड़ाई रंग लाने लगी है.
नई दिल्ली: गुरुवार को Zee TV और इन्वेस्को (Invesco) विवाद की सुनवाई नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT में हुई और इसमें ज़ी को एक बड़ी कामयाबी मिली है. NCLT ने Zee को अपना पक्ष रखने के लिए और समय दे दिया है. NCLT ने कहा है कि ZEEL को अपना जवाब दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और ये न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. अब Zee का पक्ष सुनने के बाद ही NCLT इस पर कोई फैसला सुनाएगा.
बुधवार को Zee Tv के संस्थापक डॉ सुभाष चंद्रा ने इंटरव्यू में साफ कहा था कि इन्वेस्को, ज़ी टीवी का मालिक नहीं है बल्कि ज़ी टीवी के असली मालिक वो ढाई लाख शेयर होल्डर्स हैं जो Zee Tv के छोटे-छोटे निवेशक हैं. ज़ी टीवी को बचाने की लड़ाई शेयर्स और स्टॉक्स को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि ये आत्मसम्मान की लड़ाई है और उन ढाई लाख लोगों के विश्वास को बचाने की लड़ाई है जिन्होंने ज़ी टीवी में निवेश करके ना सिर्फ एक चैनल को मजबूत बनाया बल्कि देश को भी मजबूत बनाया.