लोकसभा चुनाव के लिए RLD ने घोषित किए उम्मीदवार, बिजनौर और बागपत सीट पर उतारे प्रत्याशी
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बीजेपी के साथ हाल ही में गठबंधन में शामिल हुई राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दरअसल, आरएलडी को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन कर दो लोकसभा सीटें मिली थीं. ये सीटें हैं बागपत और बिजनौर. इन दोनों सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है. इसे मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही है. इस कड़ी में बीजेपी के साथ हाल ही में गठबंधन में शामिल हुई राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दरअसल, आरएलडी को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन कर दो लोकसभा सीटें मिली थीं. ये सीटें हैं बागपत और बिजनौर. इन दोनों सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
राष्ट्रीय लोकदल ने सोमवार को जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में बागपत से राजकुमार सांगवान तो बिजनौर से चंदन चौहान को टिकट दिया है. इसके अलावा पार्टी ने विधान परिषद की भी एक सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है. बीजेपी ने गठबंधन में एक विधान परिषद की सीट भी आरएलडी को दी है. इस पर आरएलडी ने योगेश चौधरी प्रत्याशी बनाया है. इसकी घोषणा पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर की है.
आरएलडी ने पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रीय लोकदल का झंडा बुलंद रखने वाले ये तीनों प्रतिनिधि आपके सहयोग और आशीर्वाद से सदन पहुंचकर किसान, कमेरा और विकास की बात करेंगे!"
कौन हैं राजकुमार सांगवान?
बता दें कि मेरठ के डॉ. राजकुमार सांगवान 44 वर्ष से आरएलडी से जुड़े हैं. लंबे समय तक छात्र और किसानों की राजनीति करने वाले डॉ. राजकुमार सांगवान ने शादी तक नहीं की और जमीनी राजनीति करते रहे हैं. वर्तमान में वह आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव हैं. डॉ. राजकुमार सांगवान (63) वर्ष 1980 में पहली बार बागपत के माया त्यागी कांड में हुए आंदोलन में जेल गए थे. इसके अलावा वे दर्जनों बाद छात्र और किसान आंदोलनों में जेल गए. उन्होंने मेरठ कालेज से एमए इतिहास किया है. इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह के ऊपर पीएचडी की. वह मेरठ कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर भी रहे हैं.
उन्हें वर्ष 1982 में मेरठ में आरएलडी का जिला उपाध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद वर्ष 1986 में वे छात्र आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने. 1990 में वह मेरठ के युवा आरएलडी के जिलाध्यक्ष रहे. इसके बाद वे युवा आरएलडी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी बने. वर्ष 1995 में चौधरी अजित सिंह ने उन्हें झारखंड और बिहार के चुनाव का प्रदेश प्रभारी बनाया था. इसके बाद वे आरएलडी में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश महामंत्री सगंठन बने.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.