
राम मंदिर के फैसले से निर्माण शुरू होने तक नहीं चली एक भी गोली, कैसे हुआ ये मुमकिन?
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PM Modi's Resolution For Ram Mandir: पीएम मोदी के कार्यकाल में सदी का सबसे शुभ कार्य शुरू हुआ और इसके साथ ही 25 पीढ़ियों का इंतजार भी खत्म हो गया. 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में निकली रथ यात्रा के सारथी पीएम मोदी थे.
नई दिल्ली: त्रेतायुग में श्रीराम ने दुराचारी रावण के खिलाफ युद्ध लड़ा था और इसमें वो विजयी हुए. इसी तरह कलियुग में भी श्रीराम को एक युद्ध लड़ना पड़ा था. ये युद्ध था उनके अपने अस्तित्व का, ये युद्ध था जन्मभूमि (Janmabhoomi) के अधिकार का और श्रीराम इस युद्ध में भी विजयी हुए. लेकिन इस विजय के लिए उन्हें 500 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा.
500 वर्ष पहले बाबर (Babur) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) पर बने रामलला के मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना दी थी. जब श्रीराम के भक्तों ने उनके न्याय की लड़ाई लड़ी तो मामला न्यायालय में पहुंचा. रामलला को तारीख पर तारीख मिलते 134 वर्ष बीत गए. इस बीच ऐसा भी समय आया जब श्रीराम के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की गई. लेकिन 9 नवंबर 2019 को देश की सबसे बड़ी अदा लत ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है.