
म्यांमार में अवाम के खिलाफ फौजी की कार्रवाई मुसलसल जारी
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कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी के मानवाधिकार केन्द्र जांच प्रयोगशाला के मुताबिक, फौज और पुलिस इंसानों की लाशों और ज़ख्मियों के जरिए अवाम के दरमियान डर पैदा करना चाहते हैं ताकि फौजी हुकूमत के खिलाफ अवाम अपना एहतेजाज छोड़ दे और फौजी तानाशाही को तस्लीम कर ले.
नेपीतॉ. म्यांमार में फौजी तख्तापलट के बाद से मुसल्लाह अफवाज की आम जनता के खिलाफ कार्रवाई मुसलसल जारी है। ऐसी ही एक कार्रवाई में बुध को मोटरसायकिल सवार तीन अफराद में से दो के जान बचा कर भागने और एक के बुरी तरह जख्मी होने की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हुई हैं। सीसीटीवी में कैद हुई इस वारदात का सिलसिला यह है कि दो काले रंग के ट्रक एक खाली सड़क पर जाते दिखाई दे रहे हैं. अचानक दोनों ट्रक रुक जाते हैं और सामने से एक मोटरसायकिल में सवार तीन युवक आते हुए दिखाई देते हैं. इसके बाद ट्रक पर सवार सुरक्षा बल के जवान उन पर गोलियां चलाते हैं, मोटरसायकिल सवार लड़खड़ाते हुए एक गेट से टकरा जाते हैं. इस हादसे के बाद दो नौजवान जान बचा कर भागने में कामयाब हो जाते हें जबकि तीसरा जवान घायल हो कर सड़क पर गिर जाता है। जवान ट्रक से नीचे उतर कर उस युवक को ट्रक में डालते हैं और ट्रक आगे बढ़ जाता है। "अवाम में डर पैदा करने के लिए फौज करती है कार्रवाई’’ यह हादसा सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली दीगर तस्वीरों और वीडियो से अलग नहीं है जो एक मुंतखब सरकार को बहाल करने की मांग कर रहे नागरिकों पर फौजी कार्रवाई को दिखाती हैं। बर्कले में वाके कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी के मानवाधिकार केन्द्र जांच प्रयोगशाला के अंदाजा के मुताबिक, फौज और पुलिस इंसानों की लाशों और जखमियों के जरिए अवाम के दरमियान डर पैदा करना चाहते हैं ताकि फौजी हुकूमत के खिलाफ अवाम अपना एहतेजाज छोड़ दे और फौजी तानाशाही को तस्लीम कर ले.More Related News