
मनोज जरांगे की जिद के कारण महाराष्ट्र में भड़की हिंसा? हाई कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
Zee News
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को साफ तौर पर कहा है कि विरोध करना जनता का मौलिक अधिकार है, लेकिन कानून व्यवस्था भी नहीं बिगड़नी चाहिए. अगर हिंसा होती है तो सरकार को एक्शन लेने का हक है.
नई दिल्लीः महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हुई हिंसा मामले में बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने सख्त निर्देश दिए.हाई कोर्ट ने आंदोलनकारियों के प्रदर्शन को उनका मौलिक अधिकार बताया है, लेकिन साथ ही राज्य सरकार को भी हिंसा होने की हालत में एक्शन लेने का पूरा हक होने की बात कही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाई कोर्ट में हुई बहस के दौरान यह साफ नजर आया कि हिंसा के लिए भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल की जिद जिम्मेदार है, जो राज्य सरकार के आरक्षण की राह खोलने का तरीका तलाशने के लिए आश्वासन देने के बावजूद भूख हड़ताल खत्म नहीं कर रहे हैं और पूरे राज्य में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतरने लगे हैं.