
भूजल खर्च करने में हम दुनिया में सबसे अव्वल, जानिए कितना पानी बचा है हमारे पास!
Zee News
हमारे देश में सदियों से वाटर सिस्टम को रिचार्ज करने की प्राकृतिक तकनीक रही है. जिसमें तालाबों की अहम भूमिका रही है. हालांकि अंधाधुन शहरीकरण और अवैध कब्जों के चलते तेजी से तालाब खत्म हो रहे हैं.
नई दिल्लीः विश्वभर में आज 'विश्व जल दिवस' मनाया जा रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी ने भी 'कैच दे रेन' नामक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का लक्ष्य बारिश के पानी को संरक्षित करना है, ताकि प्राकृतिक वाटर सिस्टम को रिचार्ज किया जा सके और गिरते भूजल स्तर को भी रोका जा सके. भारी भूजल दोहन बड़ी समस्या हमारे देश में पानी की समस्या बहुत बड़ी है. हालांकि इसके बावजूद देश में पानी को बचाने को लेकर जागरुकता की भारी कमी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के विभिन्न इलाकों में भारी मात्रा में भूजल का दोहन किया जा रहा है. इस मामले में भारत अव्वल देशों में शुमार है. सिंचाई के लिए लगे ट्यूबवेल, शहरों और गांवों के घरों में लगे समर्सिबल इस समस्या को और भी गंभीर बना रहे हैं.More Related News