
भीड़ दुकान-मकान को कर रही थी तहस-नहस, प्रशासनिक अधिकारी खड़े-खड़े देख रहे थे तमाशा
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भीड़ की अराजकता और लीचिंग की वारदातें बढ़ती जा रही है. इसका नजारा बैतूल के भीमपुर विकास खंड के गांव रम्भा में देखने को मिला है. जहां भीड़ ने हमला कर दो दुकानों और एक मकान को प्रशासन और पुलिस बल के सामने ही निशाना बना डाला. मकान और दुकान को तहस-नहस कर दिया. घटना रविवार की है.
बैतूल: भीड़ की अराजकता और लीचिंग की वारदातें बढ़ती जा रही है. इसका नजारा बैतूल के भीमपुर विकास खंड के गांव रम्भा में देखने को मिला है. जहां भीड़ ने हमला कर दो दुकानों और एक मकान को प्रशासन और पुलिस बल के सामने ही निशाना बना डाला. मकान और दुकान को तहस-नहस कर दिया. घटना रविवार की है. दोपहर से लेकर रात तक यहां खूब हंगामा चलता रहा. झल्लार पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ बलवा और तोड़फोड़ का मामला दर्ज किया है. एसडीओपी शिवचरण बोहित के मुताबिक रम्भा गांव में रविवार को एक आदिवासी संगठन का सामाजिक आयोजन था. जिसमें सैकड़ों लोग मौजूद थे. कार्यक्रम के बाद यहां लोग उग्र हो गए. भीड़ ने गांव के ही लखन आर्य, रमेश पाटिल, राजेश के मकान और दुकान पर पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी. भीड़ ने लखन आर्य के किराने की दुकान को नुकसान पहुंचाया. जबकि रमेश पाटिल के मकान और राजेश शिवकिशोर की सेविंग की दुकान को भी उपद्रवी भीड़ ने निशाना बनाया. भीड़ गांव के ही शिवराज का मकान तोड़ने जा रही थी, लेकिन अंधेरा घिरने और पुलिस फोर्स के पहुंचने से पीछे हट गई. यह सब भैसदेही एसडीएम केसी परते, एसडीओपी शिवचरण बोहित, झल्लार टीआई दीपक परासर, तहसीलदार समेत राजस्व और पुलिस का अमला के सामने हुआ. लेकिन आला अधिकारी कुछ न कर सके.More Related News