
भारत-चीन सीमा पर 15 महीनों तक आमने-सामने डटे दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे
Zee News
थल सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘इलाके में दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थाई ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है और परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है.
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी हालात को सरहद पर उपजे तनाव से पहले की हालत में बहाल कर दिया गया है. भारतीय थल सेना ने जुमे को कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चार और पांच अगस्त को की गई और दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थाई बेस में हैं. थल सेना ने कहा कि दोनों पक्षों ने गोगरा में अग्रिम मोर्चे की तैनातियों को एक चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से रोक दिया है. गोगरा बिंदु को गश्त बिंदु (पेट्रोलिंग प्वाइंट)-17ए के रूप में जाना जाता है. नियंत्रण रेखा में कोई भी देश एकतरफा बदलाव नहीं करेगा थल सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘इलाके में दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थाई ढांचों और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचों को नष्ट कर दिया गया है और परस्पर तरीके से उनका सत्यापन किया गया है. दोनों पक्षों ने इलाके में स्थलाकृति को गतिरोध-पूर्व स्थिति में बहाल कर दिया है. बयान में कहा गया है कि सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता यह सुनिश्चित करेगा कि गोगरा में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दोनों पक्षों द्वारा सख्ती से अनुपालन और सम्मान किया जाएगा, और जो है उस हालत में एकतरफा तरीके से कोई बदलाव नहीं हो.More Related News