
भारत के आधे बच्चे मानसिक रूप से बीमार, जानिए डिप्रेशन को कैसे करें दूर
Zee News
UNICEF Report On Mental Health: यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान भारत में 40 प्रतिशत बच्चे डिजिटल क्लासरूम तक नहीं पहुंच पाए. इंटरनेट और सुविधाओं की कमी ने बच्चों की पढ़ाई में रुकावट डाली, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा.
नई दिल्ली: भारत में हर 7 में से एक किशोर को डिप्रेशन है. लेकिन भारत में बच्चे अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर मदद लेने के बारे में नहीं सोचते. डिप्रेशन और दूसरी मानसिक बीमारियों के शिकार आधे में से भी कम बच्चों को लगता है कि उन्हें इलाज की जरूरत है. ये जानकारी आज (मंगलवार को) यूनिसेफ ने बच्चों की मानसिक सेहत पर जारी रिपोर्ट में दी. The State of the World’s Children 2021- On My Mind को आज जारी किया गया.
भारत में 15 से 24 वर्ष के 41 प्रतिशत बच्चों ने मानसिक बीमारी के लिए मदद लेने की बात कही लेकिन 21 देशों में करीब 83 प्रतिशत बच्चे इस बात को लेकर जागरूक दिखे कि मानसिक परेशानियों के लिए किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए. मानसिक परेशानी के हल के लिए भारतीय किशोर और युवा ही सबसे कम मदद मांगने को लेकर जागरूक दिखे. बाकी देशों में 56 से 95 प्रतिशत किशोरों और युवाओं ने माना कि मन की परेशानियों के लिए मदद की जरूरत होती है.