
ब्रिटेन में वैक्सीनेशन के डिजिटल सर्टिफिकेट के लिए 2 हफ्ते की Waiting, US में तो प्रावधान ही नहीं
Zee News
भारत में वैक्सीनेशन का डिजिटल सर्टिफिकेट भी लोगों को हाथ के हाथ मिल जाता है. जबकि ब्रिटेन में लोगों को 2 हफ्ते का इंतजार करना पड़ता है. वहीं अमेरिका में तो डिजिटल सर्टिफिकेट का कोई प्रावधान ही नहीं है.
नई दिल्ली: अब हम आपको वैक्सीनेशन (Vaccination) पर भारत की डिजिटल क्रांति और अमेरिका और ब्रिटेन की कागजी क्रांति के बारे में बताएंगे. अमेरिका (US) और ब्रिटेन (Britain) में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को डिजिटल सर्टिफिकेट की जगह, कागजी सर्टिफिकेट दिया जाता है जिस पर हाथ से वैक्सीनेशन की जानकारी लिखी होती है. जबकि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल वैक्सीनेशन CoWIN के जरिए चल रहा है. हमारे देश में लोगों को वैक्सीनेशन का डिजिटल सर्टिफिकेट कुछ ही मिनटों में मिल जाता है. भले ही इन लोगों ने कोविशील्ड (Covishield) की दोनों डोज लगवा ली हो. सिर्फ कोविशिल्ड की बात इसलिए हो रही है क्योंकि अभी CoVaxin को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मान्यता नहीं मिली है.
कोविशिल्ड को ब्रिटेन की एक कंपनी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) ने मिलकर विकसित किया है. ये हाल तब है जब भारत आज की तारीख में अपने नागरिकों को पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा तेजी से वैक्सीन लगा रहा है. भारत ने पिछले 6 दिनों में ही करीब 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई है, जबकि ब्रिटेन की कुल आबादी ही 6 करोड़ 60 लाख है. भारत न सिर्फ तेजी से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन कर रहा है बल्कि भारत में वैक्सीनेशन का डिजिटल सर्टिफिकेट भी लोगों को हाथ के हाथ मिल जाता है. जैसे ही आप वैक्सीन लगवाते हैं कुछ ही मिनटों में आपके मोबाइल फोन पर वैक्सीनेशन का डिजिटल सर्टिफिकेट आ जाता है, जिसे आप डाउनलोड भी भी कर सकते हैं.

जासूसी की दुनिया में डबल एजेंट वो स्पाई होता है, जो एक देश या संगठन के लिए काम करते हुए गुप्त रूप से उसके दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी के लिए भी जासूसी करता है. डबल एजेंट एक पक्ष को भरोसा दिलाते हैं कि वह उनके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन असल में वह दूसरे पक्ष को उनकी जानकारी और रणनीतियां पहुंचाते हैं. ऐसा ही एक डबल एजेंट भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ में भी था.

भारत और अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मिलकर आधुनिक समुद्री ड्रोन, ग्लाइडर और निगरानी सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है. इस पहल के तहत ऐसे स्वायत्त हथियार बनाए जाएंगे, जो समुद्र में लंबे समय तक काम कर सकें और जहाजों की गतिविधियों पर नजर रख सकें. इस समझौते की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी नेतृत्व के बीच बैठक के दौरान की गई थी.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए रक्षा समझौते से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है, जिससे संयुक्त उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा.

विश्व परिक्रमा पर निकली भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का सामना समुद्र में लगातार बारिश, 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही तेज हवाओं और 5 मीटर से अधिक ऊंची समुद्री लहरों से हुआ. इन सभी बाधाओं को पार करते हुए भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार कर लिया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ऐलान किया कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए एफ-35 फाइटर जेट समेत अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदेगा. हालांकि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ किया कि अभी एफ-35 खरीदने का प्रस्ताव मिला है. इस पर औपचारिक तरीके से प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.