
बेटे को मदरसे में पढ़ाते तो शाहरुख खान को नहीं देखने पड़ते ये दिन: उलेमा
Zee News
मौलाना रजवी ने कहा, 'शाहरुख खान अगर अपने बेटे को मदरसे में पढ़ाते या उसे धर्म के बारे में कुछ बताते तो उन्हें ये दिन नहीं दिखना पड़ता.'
बरेली: तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि अगर शाहरुख खान (Shahrukh Khan) अपने बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को महंगे स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाने के बजाय मदरसे में पढ़ाए होते तो उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता.' मौलाना का ये बयान ड्रग्स केस में आर्यन की गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद रविवार को आया.
उन्होंने आगे कहा, 'अभिनेता शाहरुख खान के बेटे यदि मदरसे में शिक्षा लेते तो उसे इस्लाम के नियमों के बारे में पता होता और यह दिन नहीं देखना पड़ता. इस धर्म में किसी भी तरह का नशा करना प्रतिबंधित है. फिल्म जगत के लोग इस्लाम के आदेशों से वाकिफ नहीं हैं. इस्लाम में नशा करना हराम है, और यह बात मदरसे में पढ़ाई और समझाई भी जाती है.'