बिहार में पुल गिरा... चर्चा में क्यों आया मोरबी ब्रिज हादसा? 6 महीने बाद क्या है अपडेट
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गुजरात के मोरबी में 6 महीने पहले केबिल ब्रिज टूटकर नदी में गिरने से बड़ा हादसा हो गया था. इस दुर्घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी. ये ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना था. इस पुल के संचालन का काम अजंता ओरेवा कंपनी को सौंपा गया गया था. पुल के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया और बड़ा हादसा हो गया. अब बिहार के भागलपुर में पुल गिरने से मोरबी ब्रिज हादसा चर्चा में आ गया है.
बिहार में 1700 करोड़ के केबल पुल के ढहने के बाद अब मोरबी पुल हादसे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग की है तो जवाब में जेडीयू ने मोरबी हादसा याद दिलाया और गुजरात सीएम के इस्तीफा नहीं देने पर सवाल उठाया है. हम आपको बताएंगे मोरबी हादसे के 6 महीने बाद उस पुल की क्या स्थिति है और इस मामले की सुनवाई कोर्ट में कहां तक पहुंची है.
बिहार में 1700 करोड़ का केबल ब्रिज गिरा तो विपक्ष बीजेपी ने महागठबंधन की घेराबंदी तेज कर दी और सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की. इसके साथ आरोप लगाया कि भष्ट्राचार की वजह से पुल गिरा है. वहीं, बीजेपी के आरोप पर जेडीयू ने पलटवार किया है और मोरबी ब्रिज हादसे को याद दिलाया. जेडीयू ने कहा है कि तब 135 लोगों की मौत हुई थी, उस वक्त बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल से इस्तीफे की मांग क्यों नहीं की.
'अब सिर्फ जान लेने वाले ब्रिज को देखने आते हैं लोग'
मोरबी हादसे को अब 6 महीने का वक्त बीत चुका है. 135 लोगों की जान लेने वाले इस ब्रिज का हाल आज भी वैसा है, जैसे उसके टूटने के बाद था. आज भी यहां लोहे के वही जंग लगे तार लटक रहे हैं, जो 140 साल पहले ब्रिज बनाते वक्त लगाए गये थे. हालांकि आज फर्क सिर्फ यही है कि पहले इसे अजूबे के तौर पर लोग देखने आते थे, उसके ऊपर चलते थे और उस हिलते हुए ब्रिज का थ्रिल अनुभव करते थे, लेकिन आज लोग सिर्फ यह देखने के लिए आते हैं कि 135 लोगों की जान लेने वाला यह ब्रिज टूटने के बाद कैसा दिखता है.
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अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.