बिहार में जिस कंपनी का पुल गिरा, उसे राज्य में मिले हैं 9 हजार से ज्यादा के प्रोजेक्ट
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बिहार के भागलपुर में 4 जून को एक निर्माणाधीन पुल गिर गया. सामने आए वीडियो में पुल के दो हिस्से एक के बाद एक गंगा नदी में गिरते हुए दिखाई दिए. ये पुल 1,717 करोड़ रुपये की लागत से अगुवानी-सुल्तानगंज में तैयार किया जा रहा था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर एक्शन लेने के लिए कहा है.
बिहार के भागलपुर में रविवार को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया और चंद सेकेंड में गंगा नदी में समां गया. इस ब्रिज को एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन (SP Singla Constructions) कंपनी बना रही थी. ये कंपनी राज्य में कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है. ब्रिज के गिरने से महागठबंधन सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने ब्रिज बना रही कंपनी पर सवाल खड़े किए और कहा- ये एक साल पहले भी गिर गया था. कल फिर गिर गया. इसे ठीक से नहीं बनाया जा रहा था, इसलिए बार बार गिर जा रहा है.
बता दें कि एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी इससे पहले भी विवादों में रही है. यह कंपनी पहली बार जांच के दायरे में तब आई थी, जब मई 2020 में पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजना लोहिया पथ चक्र के निर्माण के दौरान कंक्रीट स्लैब गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना में पूछताछ हुई लेकिन बाद में क्या हुआ- पता ही नहीं चला, क्योंकि निर्माण कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
राज्य में 5 बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है कंपनी
बिहार में एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी 5 बड़े प्रोजेक्ट पर काम रही है. ये प्रोजेक्ट 30 किमी से ज्यादा लंबे हैं. इनमें पुल और फ्लाईओवर शामिल हैं. इनकी लागत भी हजार करोड़ों रुपए की है. जानिए, राज्य में किन बड़े प्रोजेक्ट पर एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी काम कर रही है...
1. पटना में पुराने महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नया महात्मा गांधी सेतु बना रही है. ये पटना को हाजीपुर और उत्तर बिहार से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है. इसकी लंबाई 14 किमी है और 3000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है.
'ठीक नहीं बना रहा है इसलिए गिर जा रहा है' 1770 करोड़ का पुल गिरने पर नीतीश का कंपनी पर हमला
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.