बिखरीं पड़ीं खाने-पीने की चीजें, इमरजेंसी अलार्म और दर्दनाक मंजर... बालासोर ट्रेन हादसे की ग्राउंड रिपोर्ट
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ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में अब तक 237 लोगों की मौत हो चुकी है. आर्मी, एयरफोर्स सहित कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. ट्रेन के डिब्बों में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. ट्रेन के डिब्बों में खाने-पीने की चीजें, पानी की बोतलें, चप्पल-जूते आदि बिखरें हुए हैं.
ओडिशा के बालासोर में जिस समय कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई, उस समय ट्रेन में लोग नाश्ता कर रहे थे. हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई. हादसे के समय पैसेंजर्स ने ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश की. हादसे के बाद बोगियों के परखच्चे उड़ गए. विंडो की कांच को तोड़कर लोगों को बाहर निकाला गया. हादसे के बाद ट्रेन के आगे की कई मीटर तक पटरी गायब हो गई.
बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गईं. टक्कर के बाद ट्रेन का इंजन बोगी पर चढ़ गया. घटना के बाद ट्रेन की बोगियों में खाने-पीने की चीजें बिखरी पड़ी हैं. ट्रेन के डिब्बों में पानी की बोतलें, खाने का सामान, चप्पल-जूते बिखरे पड़े हैं. ट्रेन के अंदर इमरजेंसी अलार्म अभी भी बज रहा है. कहा जा रहा है कि बोगियों में और भी लोगों के फंसे होने की आशंका है, रेस्क्यू टीमें जुटी हुई हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुर्घटना के मद्देनजर शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. बता दें कि ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 6:51 बजे हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट के बाद देश में शोक की लहर है.
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बालासोर में बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) और मालगाड़ी की भीषण टक्कर में अब तक 237 मौतें हो चुकी हैं, 900 लोग घायल हैं. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हुई है.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.