
बरेली: अगवा बेटी को छुड़वाने के लिए दारोगा को रिश्वत न दे पाने पर पिता ने की खुदकुशी
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बरेली जिले के आंवला क्षेत्र में कथित रूप से अपहृत बेटी की बरामदगी के लिए दारोगा द्वारा मांगे गए एक लाख रुपए नहीं दे पाने पर एक व्यक्ति ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
बरेली: बरेली जिले के आंवला क्षेत्र में कथित रूप से अपहृत बेटी की बरामदगी के लिए दारोगा द्वारा मांगे गए एक लाख रुपए नहीं दे पाने पर एक व्यक्ति ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि आंवला थाना क्षेत्र के मऊ चंद्रपुर गांव की रहने वाली एक किशोरी गत आठ अप्रैल को लापता हो गई थी. उसके पिता शिशुपाल ने उसके अपहरण की तहरीर रामनगर चौकी में दी थी. आरोप है कि चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने उससे बेटी की बरामदगी के लिए एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप है कि रिश्वत के पैसों की व्यवस्था नहीं कर पाने से क्षुब्ध होकर शिशुपाल ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पता चलने पर चौकी प्रभारी दारोगा राम रतन सिंह और साथी सिपाही मौके पर पहुंच गए और शिशुपाल की जेब से सुसाइड नोट बरामद किया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि सुसाइड नोट में शिशुपाल ने आत्महत्या के लिए दारोगा राम रतन सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. वह नोट पढ़ने के बाद सिंह ने उसे फाड़ कर अपनी जेब में रख लिया. इस पर परिजन और ग्रामीण भड़क गए और दारोगा तथा अन्य पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की. साथ ही जेब में रखे सुसाइड नोट के टुकड़े भी छीन लिये.More Related News