
फरीदाबाद के खोरी गांव का मामला पहुंचा संयुक्त राष्ट्र, जानिए आखिर क्यों इतना चर्चा में है यह गांव
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उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमित करीब 10,000 आवासीय निर्माणों को हटाने के लिए हरियाणा और फरीदाबाद नगर निगम आदेश दिया था. सरकार की कार्रवाई से यहां से लगभग एक लाख लोग विस्थापित हो जाएंगे.
जिनेवाः संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार माहिरीन ने जुमे को हरियाणा के फरीदाबाद के खोरी गांव में अतिक्रमण अभियान के तहत लगभग 100,000 लोगों को नहीं हटाने की अपील करते हुए कहा कि लोगों को हटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय का आदेश ‘‘बेहद चिंताजनक’’ है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमित करीब 10,000 आवासीय निर्माणों को हटाने के लिए हरियाणा और फरीदाबाद नगर निगम को दिए अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. न्यायालय ने राज्य और फरीदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया था कि गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में ‘सभी अतिक्रमण हटाया जाए’ और कहा था कि “ जमीन पर कब्जा करनेवाले कानून के शासन की आड़ नहीं ले सकते हैं” और ‘निष्पक्षता’ की बात नहीं कर सकते हैं. एक लाख लोग हो रहे हैं प्रभावित न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने फरीदाबाद जिले में लकडपुर खोरी गांव के पास वन भूमि से सभी अतिक्रमण हटाने के बाद राज्य सरकार से छह हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट तलब की थी. विशेषज्ञों ने एक बयान में कहा है कि हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह अपने कानूनों और 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य का सम्मान करे और 100,000 लोगों के घरों को छोड़ दे जो ज्यादातर अल्पसंख्यक और हाशिए पर रखे गए समुदायों से आते हैं. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि निवासियों को महामारी के दौरान सुरक्षित रखा जाए.More Related News