
प्रशासन में मोदी के 20 साल? नई सोच ने ऐसे रखी बदलावों की मजबूत नींव
Zee News
आजादी के बाद भारत में कई सरकारें आईं और इस दौरान सामाजिक कल्याण की कई योजनाएं भी लागू हुईं लेकिन उज्जवला योजना ने एक ऐसी समस्या को छुआ, जिसे गरीब परिवार और महिलाएं ही समझ सकती हैं और इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच थी.
नई दिल्ली: इस महीने की 7 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को प्रशासन में 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं. अपनी प्रशासन की शैली की वजह से उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर बहुत सारे बदलाव किए, उनकी योजनाओं में नई सोच थी और ये सोच इन नए बदलावों की नींव बनी. प्रधानमंत्री मोदी जमीन से जुड़े और जमीन से ही उठे हुए नेता हैं इसलिए वो ये जानते हैं कि जमीन पर लोगों की समस्याएं क्या होती हैं और इन समस्याओं के सरल समाधान क्या होते हैं, उनकी यही समझ उनके प्रशासन की नीतियों में भी झलकती है. उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) भी प्रधानमंत्री मोदी की उसी सोच के चलते हुए बड़े बदलाव का एक उदाहरण है.
उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत देश की करोड़ों महिलाओं को मुफ्त LPG कनेक्शन और सिलेंडर्स बांटे गए. कुछ वर्ष पहले Medical Journal The Lancet में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसके मुताबिक भारत में हर साल 5 लाख लोगों की मौत इनडोर पॉल्यूशन की वजह से होती है और इसमें चूल्हे का इस्तेमाल सबसे प्रमुख है. उज्जवला योजना लॉन्च होने से पहले भारत की करोड़ों महिलाएं हर दिन पारंपरिक चूल्हे पर खाना बनाया करती थीं जिसमें ईंधन के तौर पर लकड़ियों का इस्तेमाल होता है. इस दौरान जो धुआं पैदा होता है, वो एक दिन में 400 सिगरेट पीने के बराबर है और इससे होने वाले प्रदूषण की वजह से करोड़ों महिलाओं की मौत हो जाती है या उनके फेफड़े खराब हो जाते हैं.